वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने नौसेना के उप प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाल

वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने शुक्रवार को नौसेना के नये उप प्रमुख (वाइस चीफ ऑफ नवल स्टाफ) के तौर पर प्रभार संभाला. उन्हें गनरी और मिसाइल प्रणालियों का विशेषज्ञ माना जाता है.

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  • वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने भारतीय नौसेना के 47वें सह नौसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.
  • उन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने दायित्व की शुरुआत की,
  • 2020 में पूर्वी बेड़ा के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग का कार्यभार संभालते हुए महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया.
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नई दिल्ली:

वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने आज भारतीय नौसेना के 47वें सह नौसेना प्रमुख (Vice Chief of the Naval Staff – VCNS) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया. इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक, नई दिल्ली में शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे के 71वें कोर्स के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल वात्स्यायन ने 01 जनवरी 1988 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त किया. तोपखाना एवं मिसाइल प्रणालियों में विशेषज्ञता प्राप्त अधिकारी ने तीन दशकों से अधिक के अपने शानदार करियर में अनेक महत्वपूर्ण परिचालन, कमान और स्टाफ नियुक्तियों में सेवा दी है.

समुद्री सेवाओं के दौरान उन्होंने कई अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर कार्य किया है. वे गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मैसूर (कमीशनिंग क्रू), आईएनएस निषंक और तटरक्षक पोत सीजीएस संग्राम (प्री-कमीशनिंग क्रू) के सदस्य रहे हैं. उन्होंने आईएनएस मैसूर के कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी सेवा दी. उनके नेतृत्व में कोस्ट गार्ड पोत C-05, मिसाइल पोत आईएनएस विभुति व आईएनएस नाशक, मिसाइल कार्वेट आईएनएस कुठार और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री (कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर) का संचालन हुआ.

फरवरी 2020 में उन्होंने पूर्वी बेड़ा (Eastern Fleet) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग का कार्यभार संभाला और गलवान की घटनाओं के बाद बढ़े समुद्री तनाव के समय अनेक महत्त्वपूर्ण अभियानों व अभ्यासों का सफल नेतृत्व किया.

उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन), नेवल वॉर कॉलेज (गोवा) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (नई दिल्ली) से उच्च सैन्य शिक्षा प्राप्त की है। नौसेना मुख्यालय में उन्होंने निदेशक (कार्मिक नीति), निदेशक (नौसेना योजनाएं – परिप्रेक्ष्य), तथा प्रधान निदेशक (नौसेना योजनाएं) जैसे रणनीतिक पदों पर कार्य किया.

फरवरी 2018 में फ्लैग रैंक पर पदोन्नति के पश्चात उन्होंने सहायक नौसेना प्रमुख (नीति एवं योजना) के रूप में कार्य किया. उनके उत्कृष्ट नेतृत्व एवं विशिष्ट सेवा के लिए वर्ष 2021 में उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से सम्मानित किया गया.

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बाद में वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के उप कमांडेंट तथा दिसंबर 2021 में पूर्वी नौसेना कमान (ENC) के चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त हुए, जहां उन्होंने परिचालन तैयारियों, मानव संसाधन विकास और आधारभूत ढांचे के विस्तार को दिशा दी.

सह नौसेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पूर्व वे एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (HQ IDS) में उप प्रमुख (संचालन) एवं उप प्रमुख (नीति, योजना और बल विकास) के रूप में कार्यरत थे. इस भूमिका में उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच समन्वय, एकीकरण, बल विकास और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया. वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन की पत्नी का नाम सरिता है. उनके पुत्र ने अर्थशास्त्र में स्नातक और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है, जबकि उनकी पुत्री मानविकी विषयों में स्नातक हैं. 

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