कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की टिप्पणी को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया है. कांग्रेस ने सभापति को पत्र लिखकर इस बारे में मांग की थी. निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की "राष्ट्रपत्नी" टिप्पणी को लेकर सोनिया गांधी से माफी की मांग की थी. वित्त मंत्री ने चौधरी पर राष्ट्रपति के अपमान का आरोप लगाया था. सीतारमण ने 28 जुलाई को सुबह अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर सोनिया गांधी का उल्लेख किया था.
राज्यसभा सचिवालय की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, सभापति एम वेंकैया नायडू के आदेश पर 28 जुलाई को वित्त मंत्री सीतारमण के राज्यसभा में दिए गए भाषण के कुछ अंशों को कार्यवाही से निकाल दिया गया है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने आज राज्यसभा में यह प्रसंग उठाते हुए कहा कि वह 'प्रक्रियागत अनियिमतता' से जुड़े एक गंभीर मामले को उठाना चाहते हैं।
राज्यसभा सचिवालय की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "जैसा कि प्रेस गैलरी के सदस्य जानते होंगे, सभापति ने 28 जुलाई की 11:05 बजे की राज्यसभा की कार्यवाही के एक खास हिस्से को हटाने का निर्देश दिया है. " विपक्ष के नेताओं के नायडू के साथ उनके चैंबर में हुई मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा था कि चूंकि सोनिया दूसरे सदन (लोकसभा) की सदस्य हैं, ऐसे में राज्यसभा में उनके नाम का जिक्र नहीं किया जा सकता. समझा जाता है कि राज्यसभा के सभापति, विपक्षी सदस्यों की इस मांग से सहमत थे. विपक्षी पार्टियों के सूत्रों ने बताया कि वेंकैया नायडू ने कांग्रेस नेता खडगे, जयराम रमेश के अलावा संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और सदन के नेता पीयूष गोयल को राज्यसभा यानी उच्च सदन में सोनिया गांधीा का जिक्र किए जाने से उत्पन्न स्थिति के समाधान के लिए बुलाया था. (पीटीआई से भी इनपुट )
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