ओडिशा में वेदांता ग्रुप की लांजीगढ़ एल्यूमिना रिफाइनरी के डैम का बांध सोमवार को पानी भरने के बाद भारी दबाव की वजह से अचानक टूट गया. इसके कारण डैम में भरा प्रोसेस वाटर कीचड़ के साथ आसपास के खेतों में फैल गया, जिससे किसानों की फसलें तबाह हो गईं. केमिकल मिले इस पानी से काफी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है.
इस घटना के बाद प्लांट के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है. इसे एक गंभीर मामला बताया जा रहा है, क्योंकि पीडब्ल्यूएल के इस पानी में केमिकल मिला हुआ था, जो काफी नुकसानदेह है.
कंपनी की इस लापरवाही की वजह से कई एकड़ कृषि भूमि को भारी नुकसान हुआ है. गनीमत रही कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, साथ ही किसी मवेशी को नुकसान नहीं हुआ.
वहीं खनन समूह वेदांता लिमिटेड ने इस घटना को लेकर सफाई दी है. उसका कहना है कि एक दिन पहले 15 सितंबर को भारी बारिश की वजह से प्रोसेस वाटर के डैम पर दबाव बढ़ गया, जिसकी वजह से सोमवार को बांध टूट गया. हालांकि बांध इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से बनाया गया था.
वेदांता के प्रवक्ता ने कहा, "भारी बारिश के इस मौसम के कारण बांध के अंदर जल स्तर और दबाव बढ़ गया, जिसके कारण वेदांता की चल रही निगरानी और सुरक्षा उपायों के बावजूद ये बांध टूट गया."
प्रवक्ता ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार निर्मित इस बांध की नियमित रूप से सेंसर और उपग्रह इमेजरी सहित डिजिटल और मैनुअल उपकरणों के माध्यम से निगरानी की जाती है. हाल के निरीक्षण में रिसाव का कोई संकेत नहीं मिला था."
वेदांत एल्युमीनियम के अधिकारियों ने सरकार को बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने और आसपास के लोगों पर प्रभाव कम हो, इसको लेकर तुरंत टीमों को भेजा गया है.
कंपनी का कहना है, "लोगों और कर्मियों की सुरक्षा वेदांता की सर्वोच्च प्राथमिकता है और कंपनी प्रभावित क्षेत्र में तत्काल राहत प्रयासों में सहायता के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है. स्थानीय लोगों को मुआवजा भी दिया जा रहा है."