राष्ट्रीय राजधानी स्थित रेल भवन (Rail Bhawan) परिसर में लगे ऐतिहासिक भाप इंजन (Steam Engine) को सोमवार को यहां के एक संग्रहालय में स्थानांतरित किया गया और अब इसके स्थान पर वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) की प्रतिकृति नजर आएगी. रेलवे के विशेषज्ञों के मुताबिक, यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway) के इस भाप इंजन का निर्माण 1925 में ग्लास्गो में किया गया था, जिसे स्वतंत्रता मिलने के कुछ साल बाद दिल्ली लाया गया था.
रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेल भवन परिसर में लगे ऐतिहासिक ''भाप इंजन'' को सोमवार सुबह हटाया गया और इसे चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में स्थानांतरित किया गया ताकि ये आम लोगों के लिए उपलब्ध रहे.
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प्रवक्ता ने कहा, ''रेल भवन में प्रवेश वर्जित होने के कारण कम लोग इसे यहां देख सकते थे. राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में अधिक से अधिक संख्या में लोग इसे देख पाएंगे ओर इस निर्णय के पीछे यही विचार रहा. भाप इंजन के स्थान पर अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की प्रतिकृति लगाई जाएगी.''
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सूत्रों का कहना है कि भारतीय रेल की प्रगति को दर्शाने के लिए स्वदेश निर्मित वंदे भारत ट्रेन की प्रतिकृति को रेल भवन में लगाया जा रहा है.
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