मुंबई के पूर्व कमिश्नर ने मुकेश अंबानी को खतरे वाले केस से ध्यान बंटाने के लिए लगाए 'अनर्गल आरोप' : शरद पवार

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी अब पूरी तरह से डिफेंस मोड में आ गई है. सोमवार को शरद पवार ने कहा कि मुकेश अंबानी को खतरे वाले केस से ध्यान बंटाने के लिए देशमुख पर 'अनर्गल आरोप' लगाए गए हैं.

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शरद पवार ने कहा- अनिल देशमुख के इस्तीफे की बात ही नहीं बनती.
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी अब पूरी तरह से डिफेंस मोड में आ गई है. सोमवार को पार्टी चीफ शरद पवार ने कहा कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुकेश अंबानी को खतरे वाले केस से ध्यान बंटाने के लिए देशमुख पर 'अनर्गल आरोप' लगाए हैं. पवार ने आज कहा कि देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरा मुद्दा असली गंभीर मुद्दे से हटाने के लिए शुरू किया गया है. 

इसके पहले पवार ने रविवार को देशमुख पर लगे आरोपों को 'गंभीर' बताया था, हालांकि, परमबीर सिंह के आरोपों की टाइमिंग पर सवाल उन्होंने तब भी उठाया था. इसके बाद महाविकास अघाड़ी की ओर से बोला गया कि उनकी आरोपों की चिट्ठी की पहले जांच की जाएगी, वहीं इस्तीफे पर विचार करने से भी इनकार कर दिया गया था. 

पवार ने अंबानी केस का जिक्र करते हुए कहा कि अब इस केस में दो गिरफ्तारियां भी हो गई है. उन्होंने कहा, 'गंभीर मसला अंबानी बम धमकी केस का है. एंटी-टेरर स्क्वॉड ने दो गिरफ्तारियां भी की हैं. यह साफ हो गया है कि मनसुख हीरेन की हत्या किसने की है. अब जांच में पता चलेगा कि इन्होंने क्यों और किसके कहने पर हत्या की थी.' उन्होंने कहा कि मुंबई एटीएस की जांच सही दिशा में जा रही है, जिसके चलते परमबीर सिंह ने ये अनर्गल आरोप लगाए हैं.

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पवार ने देशमुख के खिलाफ एक्शन लेने की संभावनाओं को भी खारिज कर दिया और कहा कि चिट्ठी के मुताबिक देशमुख पर फरवरी में जिस वक्त वाजे से मिलकर वसूली का रैकेट बनाने की चर्चा होने की बात कही गई है, उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे.

बता दें कि परमबीर सिंह को अंबानी धमकी केस में 'माफ न की जा सकने वाली गलतियों' के चलते पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर दावा किया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे सहित कई पुलिस अफसरों को एक उगाही का रैकेट चलाने को कहा था. उन सभी को हर महीने 100 करोड़ की उगाही करने का लक्ष्य दिया गया था. 

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