उत्तराखंड में रिसॉर्ट हत्या मामले में 19 वर्षीय पीड़िता अंकिता भंडारी के साथ हत्या के पहले किसी तरह का सेक्सुअल असॉल्ट नहीं हुआ. पुलिस ने अंकिता का स्वैप डीएनए जांच के लिए भेजा था. उसमें किसी और का डीएनए नहीं मिला.
एनडीटीवी से अंकिता के पिता ने कहा था कि 18 सितंबर को ही उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया था कि उनकी बेटी गायब है मगर पांच दिनों के बाद उसका शव मिला. उत्तराखंड पुलिस प्रमुख अशोक कुमार ने बाद में मृतका के पिता को आश्वासन दिया था कि वह सभी आरोपियों को फांसी पर चढ़वाने की कोशिश करेंगे. मृतका के पिता के साथ डीजीपी की बातचीत की रिकॉर्डिंग राज्य पुलिस ने जारी की थी.
वहीं मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के पिता पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्या ने अपने बेटे को एक सीधा-साधा बालक बताया था और उस पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया था. विनोद आर्या ने कहा, 'सीधा-साधा बालक है. वह अपने काम से मतलब रखता है. मैं मेरे बेटे और युवती दोनों के लिए न्याय चाहता हूं.' भाजपा ने विनोद आर्या और उनके बेटे अंकित आर्या को पार्टी से निष्काषित कर दिया था. हालांकि, विनोद आर्या ने दावा किया कि उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
यह भी पढ़ें-
यह वीडियो भी देखें : खबरों की खबर: गोपाल इटालिया विवाद और गुजरात में एक बार फिर 'पटेल' कार्ड