उत्तराखंड सुरंग हादसा : सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें आई सामने

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें सामने आई है. सामने आई तस्वीरों में सुरंग में फंसे मजदूर सेफ्टी हेलमेट लगाए हुए नजर आ रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins

41 मजदूर एक हफ्ते से ज्यादा दिनों से सुरंग में फंसे हुए हैं.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की मशक्कत अभी जारी है. इस बीच सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें सामने आई है. सामने आई तस्वीरों में सुरंग में फंसे मजदूर सेफ्टी हेलमेट लगाए हुए नजर आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को पहली बार गर्म खाना भेजा गया.

सुरंग में फंसे मजदूरों से की गई बात

एक कैमरे को सुरंग के अंदर भेजा गया, कैमरे की इस फुटेज में फंसे सभी मजदूर एक साथ दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात भी की गई. 41 मजदूर एक हफ्ते से ज्यादा दिनों से सुरंग में फंसे हुए हैं. रेस्क्यू टीम (Rescue Operation) अभी तक उन्हें निकाल नहीं पाई है. मलबा ज्यादा होने और ऊपर से मिट्टी धंसने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. इस बीच सोमवार (20 नवंबर) को 6 इंच की नई पाइपलाइन से पहली बार इन मजदूरों तक सॉलिड फूड पहुंचाने में कामयाबी मिली.

निर्माणाधीन सुरंग महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा 

बचाव अभियान प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मजदूरों को पाइप के माध्यम से मोबाइल और चार्जर भी भेजे जाएंगे. अधिकारियों ने कहा कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें स्टील पाइप के माध्यम से भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है. निर्माणाधीन सुरंग महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा है, जो बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने की पहल है.

रेस्क्यू टीम ने इसी पाइप से इन मजदूरों को बोतल में गर्म खिचड़ी भेजी. इतने दिनों से सही अच्छे से खाना नहीं मिल पाने से वे कमजोर हो चुके हैं. टनल में फंसे हुए 41 मजदूरों के लिए हेमंत नाम के रसोइये ने खिचड़ी बनाई. उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि मजदूरों के लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है. हेमंत ने ANI को बताया, "हम सिर्फ खिचड़ी ही भेज रहे हैं. हमें केवल वही खाना बनाना है, जिसकी हमें सिफारिश की गई है."

12 नवंबर को हुआ था हादसा

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था. चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है. हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी. इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए. 

खाने में भेज रहे खिचड़ी, केला और सेब

टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों को खाने में क्या-क्या भेजा जा रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की मदद से एक चार्ट तैयार किया गया है. हम चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की सिलेंड्रिकल बोतलों में केले, सेब, खिचड़ी और दलिया भेज रहे हैं.

Advertisement

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बनाई गई नई रणनीति

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए टीम ने नई रणनीति बनाई है. इसके तहत आठ एजेंसियां- NHIDCL, ONGC, THDCIL, RVNL, BRO, NDRF, SDRF, PWD और ITBP एक साथ 5 तरफ से टनल में ड्रिलिंग करेंगी.

ये भी पढ़ें : दिल्ली की आबोहवा लगातार हो रही जहरीली, एयर क्वालिटी बहुत खराब स्तर पर

ये भी पढ़ें : "उस दिन का इंतजार, जब गहलोत चाय पर बुलाएंगे": गजेंद्र सिंह शेखावत