उत्तराखंड की 'मानसखंड कॉरिडोर यात्रा' 22 अप्रैल से शुरू होगी

यह ट्रेन दो जत्थों में 600 से अधिक तीर्थयात्रियों को 'मानसखंड' के प्रसिद्ध मंदिरों तक ले जाएगी. 'मानसखंड' प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक वाक्यांश है.

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पिथौरागढ:

उत्तराखंड का पर्यटन विभाग भारतीय रेलवे के सहयोग से कुमाऊं क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से अगले सप्ताह 'मानसखंड कॉरिडोर यात्रा' शुरू करेगा. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद आर्य ने कहा कि यात्रा के लिए 22 अप्रैल से पुणे से पिथौरागढ़ जिले के टनकपुर तक एक विशेष ट्रेन चलाई जाएगी.

यह ट्रेन दो जत्थों में 600 से अधिक तीर्थयात्रियों को 'मानसखंड' के प्रसिद्ध मंदिरों तक ले जाएगी. 'मानसखंड' प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक वाक्यांश है.जिला पर्यटन अधिकारी ने कहा कि मानसखंड मंदिरों का टूर पैकेज सात दिन और छह रात के लिए होगा.

उन्होंने कहा, तीर्थयात्रियों को टनकपुर से लगभग एक किलोमीटर दूर खटीमा में ट्रेन से उतरना होगा, जहां से उन्हें सड़क मार्ग के जरिए मंदिरों तक ले जाया जाएगा. आर्य ने कहा कि पहली ट्रेन 22 अप्रैल को पुणे से चलेगी और 24 अप्रैल को खटीमा पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को लेकर एक और ट्रेन 24 अप्रैल को पुणे से चलेगी और 26 अप्रैल को खटीमा पहुंचेगी.

अधिकारी ने कहा कि खटीमा को अंतिम पड़ाव के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां टनकपुर की तुलना में होटल जैसी बेहतर सुविधाएं हैं.

उन्होंने बताया कि टूर पैकेज के तहत श्रद्धालुओं को टनकपुर, चंपावत, पिथौरागढ़ और अल्मोडा के मंदिरों तथा अन्य धार्मिक स्थानों पर ले जाया जाएगा और इन मंदिरों के पौराणिक महत्व के बारे में उन्हें जानकारी दी जाएगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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