उत्तराखंड के हल्द्वानी हिंसा (Haldwani Violence) का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. आरोपी अब्दुल मलिक अभी तक फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में आठ फरवरी अवैध मदरसा और नमाज स्थल को ध्वस्त किए जाने के दौरान जमकर हिंसा हुई, इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. सरकार अब बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक से अब संपत्तियों के नुकसान का हर्जाना वसूलने की तैयारी कर रही है. अब्दुल मलिक को 2 करोड़ 14 लाख रुपए वसूलने का नोटिस जारी किया गया है. वहीं अवैध अतिक्रमण की जगह अब थाना बनाया जाएगा, इस बात का ऐलान सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया. घटना का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक अब भी फरार है.
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अवैध अतिक्रमण वाली जगह पर बनेगा थाना
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के मुताबिक जमीन की 99 साल की लीज खत्म हो गई है. पंकज उपाध्याय एक वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, "आपकी जमीन की लीज खत्म हो चुकी है... आपने फ्री होल्ड नहीं कराई. मैं जमीन को कब्जे में ले रहा हूं और आपको जहां जाना है, आप जा सकते हैं. आप यहां से तुरंत हट जाइए.
"खत्म हो गई 99 साल की लीज"
वीडियो में अब्दुल मलिक नगर आयुक्त से बहस भी करता दिख रहा है. इस वीडियो में अब्दुल मलिक कह रहा है, "मेरे पास इस जमीन की 99 साल की लीज है और आप कह रहे हैं कि इस जमीन को खाली कर दीजिए. हालांकि, ये लीज खत्म हो चुकी है और हमने इस जमीन को फ्रीहोल्ड भी नहीं कराया है. लेकिन हल्द्वानी में ज्यादातर जमीन लीज होल्ड पर है और बहुत कम लोगों ने फ्री होल्ड कराई है. हम जमीन से कब्जा नहीं छोड़ेंगे."
अवैध मदरसा हटाए जाने पर भड़की थी हिंसा
बनभूलपुरा में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 120 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. चिन्हित लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है. बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में 'अवैध रूप से बने' एक मदरसे और परिसर के अंदर नमाज पढ़ने वाली जगह को ध्वस्त कर दिया गया था, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं, पुलिस के दर्जनों जवान भी पत्थरबाजी में घायल हुए. हिंसा की इन घटनाओं की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और 15 दिन के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि कुमाऊं के आयुक्त दीपक रावत मजिस्ट्रेट जांच करेंगे और 15 दिन के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
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