धराली और हर्षिल में इंडियन आर्मी ने संभाला मोर्चा, तेजी से चल रहा राहत और बचाव कार्य

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इस हफ्ते की शुरुआत में आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है. इस आपदा में कई लोगों की जान चली गई और भारी तबाही मच गई.

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आपदाग्रस्त उत्तरकाशी में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना दिन-रात कर रही है मेहनत
उत्तरकाशी:

उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में भारतीय सेना का व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान जारी है. इंजीनियरिंग, खोज, चिकित्सा और संचार टीमें संपर्क बहाल करने, फंसे हुए नागरिकों को बचाने और स्थानीय समुदायों की सहायता के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं.  सीमा सड़क संगठन (BRO) और सेना के इंजीनियरों ने लिमचीगढ़ में 90 फुट ऊंचा बैली ब्रिज बना दिया है. जबकि गंगोत्री और उत्तरकाशी के बीच सड़क के भारी क्षतिग्रस्त हिस्सों को भी सही कर दिया गया है. सेना और नागरिक उड्डयन सहित कुल 33 हेलीकॉप्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों से 195 नागरिकों को निकाला है.

लगभग 200 पर्यटकों को भूस्खलन वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला गया है. 110 से अधिक फंसे हुए पर्यटकों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है.

लापता सैनिकों और नागरिकों की तलाश के लिए 5 उच्च प्रशिक्षित खोज और बचाव (एसएआर) कुत्तों, ड्रोन, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और लिडार उपकरणों की मदद से अभियान चलाया जा रहा है. ज़मीनी पहुंच को बेहतर बनाने के लिए मलबा हटाने, पैदल पुलों को सही करने और अस्थायी ट्रैक बनाने का काम भी चल रहा है.

चिकित्सा टीमों ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों सहित 35 रोगियों का उपचार किया है. देहरादून से अतिरिक्त दवाइयां और आपूर्तियां मंगवाई गई हैं.

हर्षिल और नेलांग के बीच संचार पूरी तरह से बहाल कर दिया गया है. क्षतिग्रस्त ऑप्टिकल फाइबर को बदल दिया गया है और धराली गांव तक सैटेलाइट इंटरनेट का विस्तार किया गया है.

उड़ानों से 1.4 टन से अधिक ताज़ा और सूखा राशन पहुंचाया है, और 10 अगस्त तक अतिरिक्त आपूर्ति की योजना है. क्षेत्र में चल रहे हवाई अभियानों के लिए ईंधन भंडारण की भी व्यवस्था की गई है. 

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