उत्तराखंड : चारधाम के पुरोहितों ने मंत्रियों का घर घेरा, चुनाव से पहले गरमाया देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि वे ‘चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत’ के बैनर तले सात दिसंबर से गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा भवन का भी घेराव करेंगे

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उत्तराखंड के चारधाम के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड भंग करने की कर रहे हैं मांग (फाइल फोटो)
देहरादून:

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) के पहले देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा गरमा गया है. देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहितों (Chardham Tirth Purohit) ने मंगलवार को उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों के घरों का घेराव किया. पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) के गठन के कानून को वापस लेने के लिए एमपी सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते मुख्य रूप से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के घर के बाहर धरना दिया और ‘शीर्षासन' भी किया.उनियाल अपने घर से बाहर निकले और पुरोहितों से बातचीत कर उनकी मांगों को ध्यान से सुना. मंत्री ने पुरोहितों से 30 नवंबर तक इंतजार करने को कहा.

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साथ ही संकेत दिया कि इसके बाद सरकार बड़ा निर्णय ले सकती है.  पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2019 में गठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड का चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहित शुरू से ही विरोध कर रहे हैं.  पुरोहित इसे भंग किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पुरोहितों का मानना है कि बोर्ड का गठन उनके अधिकारों को चोट पहुंचाता है.

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि वे ‘चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत' के बैनर तले सात दिसंबर से गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा भवन का भी घेराव करेंगे. पुरोहितों ने कहा कि वे 27 नवंबर को 'काला दिवस' मनाते हुए मार्च भी निकालेंगे. उत्तराखंड कैबिनेट ने देवस्थानम बोर्ड के गठन को अपनी मंजूरी दी थी. इस दौरान गांधी पार्क से लेकर राज्य सचिवालय तक आक्रोश रैली भी निकाली जाएगी.

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विशेषज्ञों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के अलावा केंद्र द्वारा नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद तीर्थ पुरोहितों को अपनी मांग पूरी होने की आस बंधी है. इस साल जुलाई में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे के हल के लिए वरिष्ठ बीजेपी नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था. यह समिति अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है.

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