उत्तराखंड में नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए BJP विधायक दल की बैठक शुरू, कई नेता हैं दावेदार

Uttarakhand CM Resigns: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक संकट के चलते राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया था. आज देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक में नए नेता का चुनाव होगा.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने शुक्रवार की शाम इस्तीफा दे दिया है.
नई दिल्ली:

उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है. सीएम तीरथ सिंह रावत (Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat) ने शुक्रवार को नाटकीय घटनाक्रम में इस्तीफा दे दिया था. नए नेता के चुनाव के लिए देहरादून में बीजेपी पार्टी दफ्तर में विधायक दल की बैठक हो रही है. इसमें नए नेता का चुनाव होगा. सतपाल महाराज, धनखड़ सिंह. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे हैं. 

पार्टी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी महासचिव डी पुरंदेश्वरी को पर्यवेक्षक बनाया है. इनके साथ प्रभारी दुष्यंत गौतम और सह प्रभारी रेखा वर्मा भी बैठक में मौजूद हैं. 

उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि नए नेता का चुनाव करने के बाद हम सरकार गठन के लिए राज्यपाल से मिलेंगे. कौशिक ने कहा कि संभव है कि इस बार  सीएम विधायकों में से ही कोई एक हों. कौशिक ने कहा कि चुनाव आयोग को उपचुनाव कराने में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन COVID के कारण, यह अमल में नहीं आ सका. ऐसे में इस्तीफा ही एकमात्र विकल्प बचा था.

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कौशिक ने कहा, "हम राष्ट्रीय पार्टी हैं. जब चुनाव में जाते हैं तो अगले 5 साल के लिए घोषणा पत्र जारी करते हैं और बताते हैं कि हम इन पर काम करेंगे. ऐसे में मुख्यमंत्री कोई भी हो वह काम जारी रहेगा." सीएम बनने के सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं आज की सारी प्रक्रिया को ठीक से करवाना मेरा काम है."

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The supervisor and in-charge will reach here (Dehradun) around 10:30 am. In the legislature meet at 3 pm, we will elect the leader (CM). Post that, we will meet the Governor for govt formation. It's possible that CM will be among the MLAs: Madan Kaushik, BJP State President pic.twitter.com/zMhncsMKz0

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उन्होंने कहा कि बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं और व्यवस्थाओं को मानने वाली पार्टी है इसलिए हमने इस बात को स्वीकार किया और सीएम ने इस्तीफा दिया. बतौर कौशिक, चुनाव आयोग ने कहा था कि कोरोना के कारण 1 साल तक चुनाव नहीं करवाएंगे. इसलिए हमने उन परिस्थितियों में संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हुए फैसला लिया है.

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तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री के पद पर चार महीने ही रहे. तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार शाम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को इस्तीफा दे दिया था. देर रात में उन्होंने औपचारिक तौर पर राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया. रावत ने शुक्रवार की सुबह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. उन्होंने संवैधानिक संकट के चलते इस्तीफा दिया है. देहरादून में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम की मौजूदगी में विधान मंडल की बैठक में नए नेता का चुनाव होगा. उत्तराखंड में 70 सीटों की विधानसभा में बीजेपी के 57 विधायक हैं. इसमें से एक सीट गंगोत्री की BJP  की खाली है. 

सूत्रों का कहना है कि सतपाल महाराजऔऱ धन सिंह रावत ने शीर्ष नेतृत्व को संदेश भेजा है कि वो मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभालने को तैयार हैं. इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत के त्यागपत्र के बाद बाजी तीरथ सिंह रावत के हाथ लगी थी. तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा. उत्तराखंड बीजेपी के कई नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारों बताया था कि तीरथ सिंह के बयानों और घोषणाओं को लेकर जनता में उनके खिलाफ नाराजगी है. अपनी ही सरकार के पिछले कामों की आलोचना करके भी वो बुरी तरह फंस गए थे.

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शुक्रवार को दिन भर से कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस्तीफा दे सकते हैं. देर शाम इसकी पुष्टि हो गई. उन्‍होंने राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा था. गौरतलब है कि दिल्ली में डेरा जमाए रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्‍तीफे की अटकलें उस समय जोर पकड़ने लगी थीं जब उन्‍होंने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर जाकर मुलाक़ात की थी. बीते तीन दिनों में दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाक़ात थी. इस मुलाकात के बाद यह चर्चा होने लगी  कि कहीं यह उत्तराखंड में फिर से सत्ता परिवर्तन की आहट तो नहीं है?

तीरथ सिंह रावत तीन दिन से दिल्ली में थे. हालांकि जिस दिन वह आए उसी रात उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात हो गई थी. अगले दिन उन्हें देहरादून वापस जाना था. लेकिन अचानक वापसी का कार्यक्रम टल गया जिसके बाद से उनको बदले जाने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली.

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तीरथ सिंह रावत को संवैधानिक संकट के चलते पद छोड़ना पड़ रहा है. रावत ने इसी साल मार्च में उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री का पद संभाला था. उनको सीएम पद से इसलिए हटना पड़ रहा है क्‍योंकि मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के छह महीने के अंदर यानी 10 सितंबर तक उनका विधायक बनना ज़रूरी है.

उत्तराखंड की दो सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं लेकिन कोरोना महामारी को लेकर फ़िलहाल उपचुनाव पर चुनाव आयोग की रोक है. ऐसे में उपचुनाव को लेकर स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है. बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उत्तराखंड में उपचुनाव को लेकर सवाल पर तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि उप चुनाव का विषय चुनाव आयोग का है. चुनाव आयोग जब भी निर्णय लेगा, उपचुनाव होंगे. चुनाव आयोग जो भी फैसला करेगा, वह स्वीकार होगा.

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