बिना रजिस्ट्रेशन चार धाम यात्रा में नो एंट्री, जाने से पहले सोच लें; वरना नहीं होंगे दर्शन

 इस साल चार धाम यात्रा (Uttarakhand Char Dham) के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले कई सालों से कोरोना महामारी की वजह से श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे थे. अब हालात बेहतर हैं तो ज्यादा से ज्यादा लोग दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचने लगे हैं.

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चारधाम यात्रा को लेकर सीएम सचिव के सख्त निर्देश.

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में इन दिनों चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए सरकार एक्शन में आ गई है. यही वजह है कि बैठक में मुख्यसचिव ने यह तय किया कि रजिस्ट्रेशन के बिना किसी को भी चारधाम यात्रा में एंट्री नहीं दी जाएगी. श्रद्धालुओं की भीड़ से पैदा हो रही अव्यवस्था को दूर करने और व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दो दिन यानी कि 15 और 16 मई को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी बंद कर दिया गया, जिससे पहले से मौजूद श्रद्धालु आगे बढ़ सकें.

त्तराखंड के सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को उत्तरकाशी में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने पुलिस-प्रशासन को सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन धामों की यात्रा करने वालों से सख्ती से निपटा जाए और ऐसे लोगों को सीधा चेकिंग बैरियर से वापस भेज दिया जाए.

बैरियरों और अन्य जगहों पर सख्त चेकिंग के निर्देश

सीएम सचिव ने आदेश दिया कि इसके लिए बैरियरों और अन्य जगहों पर सख्ती से चेकिंग की जाए. उन्होंने यमुनोत्री धाम में बिना पंजीकरण के डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चरों के संचालन पर भी प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. सचिव ने कहा कि रिकॉर्ड यात्रियों के पहुंचने से यात्रा मार्गों पर जाम और दबाव बढ़ रहा है. उन्होंने साफ कहा कि बगैर रजिस्ट्रेशन किसी को भी धाम में न जाने दिया जाए, इसके लिए बैरियर पर सख्ती से जांच-पड़ताल कर ऐसे यात्रियों और वाहनों को सीधे वापस भेजें. साथ ही जो वाहन बिना रजिस्ट्रेशन वाले श्रद्धालुओं को लेकर आएगा, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.

चार धाम यात्रा में पहुंच रहे रिकॉर्ड श्रद्धालु

10 मई को शुरु हुई चारधाम यात्रा में महज 5 दिनों में करीब 2.76 लाख लोग पहुंचे हैं. लोगों की भारी भीड़ की वजह से प्रशासन की सांसें फूलने लगी हैं. इन दिनों रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के पहुंचने से चारधाम में व्यवस्था चरमराने लगी है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. इन सभी बातों पर गौर करते हुए सीएम धामी ने सीएम सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को गंगोत्री और यमुनोत्री की व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सीएम सचिव खुद व्यवस्था की मॉनिटरिंग करेंगे.

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15-16 मई को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद

बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए बुधवार और गुरुवार को चारधाम यात्रा के लिए होने वाले ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए. बता दें कि ये रजिस्ट्रेशन हरिद्वार और ऋषिकेश में हो रहे थे. खबर के मुताबिक,  इस साल चारधाम यात्रा के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले कई सालों से कोरोना महामारी की वजह से श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे थे. अब हालात बेहतर हैं तो ज्यादा से ज्यादा लोग दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचने लगे हैं.

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जगह-जगह रोके जा रहा श्रद्धालुओं का जत्था

भीड़ का आलम ये है कि श्रद्धालुओं के जत्थे को जगह-जगह रोक दिया गया है, ताकि धामों में पहले से मौजूद भीड़ दर्शन कर आगे बढ़ सके. अब अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन किसी भी श्रद्धालु को धामों की यात्रा न करने दी जाए,भले ही उनको चेकिंग बैरियर से वापस ही क्यों न भेजना पड़े. भीड़ की वजह से पहाड़ी राज्य की सड़कों पर भी लंबा जाम देखा जा रहा है. जिससे निपटने के प्रशासन पुख्ता इंतजाम कर रहा है.

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2 दिन रजिस्ट्रेशन बंद, गेट पर नोटिस

हरिद्वार और ऋषिकेश सेंटर में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किए जा रहे थे, हरिद्वार में ऋषि कुल ग्राउंड में निशुल्क रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया गया है. मगर न ही कल रजिस्ट्रेशन हो सके और न ही आज हो रहे हैं. सेंटर्स के गेट को बंद करके वहां पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है और गेट पर नोटिस लगा दिए गए है कि 2 दिन के लिए रजिस्ट्रेशन बंद हैं. हालांकि फिर भी बड़ी संख्या में यात्री रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहुंच रहे हैं, जिनको पुलिसकर्मी रजिस्ट्रेशन नहीं होने की सूचना देकर वापस भेज रहे हैं. इस वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है और वह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे आए तो चार धाम यात्रा जाने के लिए थे मगर अब क्या करें.

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