उत्तराखंड आध्यात्मिक शांति और शारीरिक उपचार की दृष्टि से कल्याण का स्रोत : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने देश को विविध संस्कृतियों से भरा देश बताते हुए कहा कि उत्तराखंड में भी एक समृद्ध संस्कृति रही है. उन्होंने भारत के सभी राज्यों में संस्कृति को बढावा देने की जरूरत बताई.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
(फाइल फोटो)
देहरादून:

उत्तराखंड को आध्यात्मिक शांति के साथ ही (शारीरिक) उपचार का भी स्रोत बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बृहस्पतिवार को कहा कि यहां चिकित्सा पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं जिससे युवाओं में रोजगार के अवसर भी बढेंगे.

उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति ने देर शाम यहां मुख्यमंत्री आवास में आयोजित 'नागरिक अभिनंदन' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक शांति और उपचार दोनों ही दृष्टियों से कल्याण का स्रोत रहा है .

इस संबंध में उन्होंने भगवान राम के भाई लक्ष्मण के उपचार का भी जिक्र किया और कहा कि लोकमान्यता है कि हनुमान इसी क्षेत्र के द्रोण पर्वत को 'संजीवनी बूटी' सहित लेकर गए थे .

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि आधुनिक चिकित्सा के साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उत्तराखंड सरकार अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए नई-नई संस्थाएं स्थापित कर रही है. प्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सा के कई प्रसिद्ध केंद्र हैं जहां देश-विदेश के लोग आकर स्वास्थ्य लाभ करते हैं. उत्तराखंड में प्राकृतिक पर्यटन और साहसिक पर्यटन के साथ ही चिकित्स पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं जिससे युवाओं में रोजगार के अवसर भी बढेंगे .''

हिमालय में रहने वालों को देवता बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह उनके बीच आकर बहुत प्रसन्न हैं . उन्होंने यहां की प्राकृतिक सुंदरता और यहां के लोगों के प्रेमपूर्ण व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि इसने स्वामी विवेकानंद से लेकर महात्मा गांधी और कवि सुमित्रानंदन पंत तक को मंत्रमुग्ध किया था. हांलांकि, उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक सुंदरता को बचाते हुए हमें विकास के मार्ग पर आगे बढना है .

उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड और उसके लोगों के देश के प्रति योगदान को भी याद किया तथा कहा कि इसका हिसाब लगाना असंभव है.

Advertisement

उन्होंने उत्तराखंड को वीरों की भूमि बताते हुए कहा कि देश के वर्तमान प्रमुख रक्षा अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान तथा पहले प्रमुख रक्षा दिवंगत जनरल बिपिन रावत प्रदेश के सपूत हैं . उन्होंने पूर्व सैन्य प्रमुख जन बिपिन चंद्र जोशी सहित अनेक सेनानियों को भी याद किया .

उन्होंने एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल, समाज सेवी बसंती बिष्ट और अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाडी वंदना कटारिया का उल्लेख करते हुए प्रदेश को नारी शक्ति का केंद्र बताया .

Advertisement

इस संबंध में उन्होंने कहा कि शुक्रवार को होने वाले दून विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में स्वर्णपदक हासिल करने वाले विद्यार्थियों में बडी संख्या लडकियों की है जो सामाजिक परिवर्तन और विकसित भारत की दिशा में एक बढता कदम है .

राष्ट्रपति ने देश को विविध संस्कृतियों से भरा देश बताते हुए कहा कि उत्तराखंड में भी एक समृद्ध संस्कृति रही है. उन्होंने भारत के सभी राज्यों में संस्कृति को बढावा देने की जरूरत बताई .

Advertisement

उन्होंने कहा कि दूरदराज पहाड़ों में रहने वालों की संस्कृति भी फूल जैसी है जो लोगों को सुशोभित करती हैं लेकिन अनजाने में पेड़ से झड़ जाती है . उन्होंने कहा, ' हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें प्रोत्साहित, विकसित और सशक्त करें तथा लोगों के सामने लाएं .'

उन्होंने विश्वास जताया कि 2047 में स्वाधीनता के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत विश्व समुदाय में अपनी क्षमता के अनुरूप श्रेष्ठता प्राप्त कर चुका होगा तथा उत्तराखंड देश का पहले नंबर का राज्य बनकर उभरेगा.

Advertisement

कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने दो हजार करोड रुपये से अधिक की नौ विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया .

कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टि जन (सेवानिवृत्त)गुरमीत सिंह ने राष्ट्रपति को केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति तथा मुख्यमंत्री पुष्कर​ सिंह धामी ने कंडाली के रेशों से बन शॉल भेंट की . इस शॉल पर उत्तराखंड की प्राचीन लोककला शैली थापे को उकेरा गया है . राष्ट्रपति को इसके अतिरिक्त शैली थापे तथा एपण के मिश्रण से तैयार एक स्मृति चिहन भी भेंट किया गया .

इससे पहले राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड आयीं मुर्मू का जौलीग्रांट हवाई अडडे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्वागत किया . इस दौरान, राष्ट्रपति ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया.

अपने प्रवास के दौरान राष्ट्रपति मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी तथा दून विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगी .

यह भी पढ़ें -
-- गुजरात में कांग्रेस को दोहरा झटका : न गद्दी मिली, न मिलेगा नेता प्रतिपक्ष का पद!
-- बिहार के जिस IPS की किताब पर बनी नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज़ 'ख़ाकी', उसके खिलाफ दर्ज हुई FIR

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi IIC में मनाया जाएगा 20वां वार्षिक समारोह, आजादी की थीम पर होगा कार्यक्रम
Topics mentioned in this article