प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.प्रधानमंत्री मोदी 2014 और 2019 का चुनाव वाराणसी से जीत चुके हैं.इस बार उनके खिलाफ छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.इससे पहले 2014 के चुनाव में उनके खिलाफ 41 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे.वहीं 2019 के चुनाव में 26 उम्मीदवारों ने चुनाव मैदान में उन्हें चुनौती दी थी.इस बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में कांग्रेस के अजय राय और बसपा के अतहर जमाल लारी प्रमुख हैं.
नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल को कितने वोटों से हराया था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में पहली बार चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी आए थे.नरेंद्र मोदी ने 2014 में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन लाख 72 हजार से अधिक वोटों के विशाल अंतर से हराया था.साल 2019 के चुनाव में उन्होंने जीत का अंतर बढाते हुए चार लाख 59 हजार कर दिया.इस बार उनके सामने सपा की शालिनी यादव थीं.यादव अब बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं.साल 2019 और 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस की ओर से अजय राय ही खड़े थे.दोनों ही बार वो तीसरे स्थान पर रहे.एक बार फिर अजय राय नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव मैदान में हैं.
वाराणसी में कितनी बड़ी है अजय राय की चुनौती?
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति शुरू करने वाले अजय राय बीजेपी और सपा में भी रह चुके हैं.वो चार बार वाराणसी के कोलअसला और एक बार पिंडरा विधानसक्षा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं.कोलअसला से वे तीन बार बीजेपी के टिकट और एक बार निर्दलीय और पिंडरा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे.राय इस समय उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
वहीं समाजवादी रूझान वाले अतहर जमाल लारी बसपा के उम्मीदवार हैं.उन्होंने अपना राजनीतिक करियर जनता पार्टी से शुरू किया था.वो वाराणसी में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव कई दफा लड़ चुके हैं.लारी ने 1984 और 2004 का लोकसभा चुनाव भी वाराणसी से लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली. बसपा में आने से पहले वो जनता दल, अपना दल और कौमी एकता दल में रहे.वो मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं.वो वाराणसी में रहकर कपड़े के कारोबार से जुड़े हुए हैं.
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