कोरोनावायरस : करोड़ों के अस्पताल में महंगी हाईटेक मशीनें, लेकिन टेक्नीशियन रखना भूल गई यूपी सरकार

गोंडा जिले का एक कोविड अस्पताल, जिसे सीएम योगी ने जोर-शोर से शुरू किया था, लेकिन आज यह अस्पताल बहुत मदद करने की स्थिति में नहीं है.

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UP के गोंडा में बनाया गया कोविड का अस्पताल.
लखनऊ:

पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है. उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के लगातार तेजी से मामले बढ़े हैं. राज्य सबसे ज्यादा मामले दर्ज करने वाले राज्यों में से एक है. यहां भी स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खस्ताहाल होती दिख रही है. और यहां स्वास्थ्य सेवाएं क्यों चरमरा रही है, इसका एक उदाहरण है गोंडा जिले का एक कोविड अस्पताल. इस अस्पताल का उद्घाटन कोविड के लिए खासतौर किया गया, लेकिन आज यह अस्पताल बहुत मदद करने की स्थिति में नहीं है.

पिछले साल इस अस्पताल का जोर-शोर से उद्घाटन करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सुर्खियां बटोरी थीं. 160 बेड के इस अस्पताल में टाटा ट्रस्ट और बिल गेटस फाउंडेशन ने मिलकर निर्माण किया है. अस्पताल में 200 करोड़ की मशीनें भी लगाई गईं हैं, यहां 16 वेंटीलेटर भी लगा दिए गए, लेकिन विडंबना यह कि यूपी सरकार इसमें टेक्नीशियन रखना भूल गई. लिहाजा वेंटिलेटर चलाने वाला ही कोई नहीं है.

ध्यान देने वाली बात है कि सरकार अगर समय रहते इस अस्पताल को उच्चीकृत कर लेवल 3 बना देती तो इसमें वेंटिलेटर चलाने वाले स्टाफ व कर्मचारियों को रखा जा सकता और यूपी के गोण्डा जिले के साथ साथ अन्य जिले के मरीज को इसका लाभ मिल सकता, लेकिन करोड़ों की मशीनें और वेंटिलेटर होने के बावजूद उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

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बता दें कि ऐसे मामले तब सामने आ रहे हैं, जब देश में कोविड के नए मामलों का आंकड़ा गुरुवार को दुनिया में सबसे ज्यादा हो चुका है. देश में गुरुवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 3.14 लाख से ज्यादा मामले आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,59,30,965 हो गई है. दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण का यह सर्वाधिक आंकड़ा है. 

पिछले एक दिन में 2104 और मरीजों की मौत हुई है, जिनमें से 187 मरीज यूपी के थे. बाकी 568 मरीज महाराष्ट्र के, 249 मरीज दिल्ली के, 193 छत्तीसगढ़ के, 125 गुजरात के और 116 मरीज कर्नाटक के थे. 

देश में कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के तहत बढ़े मामलों के चलते देश की स्वास्थ्य सेवाएं भयंकर दबाव में हैं. कई राज्यों के बीच ऑक्सीजन संकट को लेकर विवाद चल रहा है.

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