उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (Uttar Pradesh Board of Secondary Education) द्वारा आयोजित बोर्ड की 12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है. पेपर लीक होने के बाद बुधवार को 24 जिलों में यह परीक्षा रद्द कर दी गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अब यह परीक्षा 13 अप्रैल को प्रथम पाली में सुबह आठ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक आयोजित की जाएगी. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कुमार ने बताया कि कई टीम का गठन कर दो आरोपियों को बलिया के कोतवाली थाना क्षेत्र से, 10 को नगरा थाना क्षेत्र से और पांच को सिकंदरपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आईटी अधिनियम और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 1998 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश मिश्र भी शामिल हैं, जिन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है. अपर मुख्य सचिव,सूचना नवनीत सहगल ने ‘भाषा' को बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रूख अपनाया है और जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपने का निर्देश दिया, जिसपर दोपहर बाद एसटीएफ ने मामले की जांच आरंभ कर दी.
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इस बीच, पेपर लीक मामले पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने सरकार को घेरा. माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि बलिया में कक्षा 12वीं का अंग्रेजी भाषा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था. मामले की जांच की जा रही है और घटना में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
राज्य के केवल 24 जिलों में परीक्षा रद्द किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जो पेपर लीक हुआ था, वह केवल 24 जिलों में वितरित किया गया था, इसलिए वहां परीक्षा रद्द कर दी गई. राज्य के शेष 51 जिलों में अंग्रेजी भाषा की परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रही है.''
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वहीं, सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया,‘‘ आज 30 मार्च को द्वितीय पाली में इंटरमीडिएट अंग्रेजी विषय की सीरीज 316 ई डी तथा 316 ई आई के प्रश्नपत्र के लीक की आशंका बनी. ऐसे में 24 जनपदों में उक्त सीरीज के प्रश्न पत्र के वितरण के कारण इन जनपदों के समस्त परीक्षा केंद्रों की द्वितीय पाली की परीक्षा निरस्त किए जाने का निर्णय लिया गया है.''
बयान के मुताबिक, जिन जिलों में परीक्षा रद्द की गई है उनमें बलिया, एटा, बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, गोंडा, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, शाहजहांपुर, उन्नाव, जालौन, महोबा, अंबेडकरनगर और गोरखपुर शामिल हैं.
बयान में कहा गया कि इन 24 जनपदों में निरस्त की गई उक्त परीक्षा 13 अप्रैल को प्रथम पाली में आयोजित की जाएगी.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ने बताया कि बलिया के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को आज सुबह सूचना मिली कि दूसरी पाली का पेपर लीक हो गया है और प्रारंभिक जांच में पता चला कि लीक पेपर वही था जो शिफ्ट के लिए निर्धारित था, इसके बाद 24 जिलों में इसे रद्द कर दिया गया.
आदित्यनाथ सरकार की दूसरी पारी की शुरुआत में हुई इस घटना के बाद विपक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की दूसरी पारी में भी पेपर लीक करवाने का व्यवसाय बदस्तूर जारी है. युवा कह रहे हैं कि रोजगार देने में नाकाम भाजपा सरकार जानबूझकर किसी परीक्षा को पूर्ण नहीं होने देना चाहती है. भाजपा सरकार अपने इन पेपर माफियाओं पर दिखाने के लिए सही, कागज का ही बुलडोजर चलवा दे.''
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा,‘‘यूपी बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक होने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज दोपहर इण्टर की अंग्रेजी विषय की परीक्षा होने से पहले पेपर लीक होने के बाद गोरखपुर एवं वाराणसी सहित प्रदेश के 24 जिलों में परीक्षा रद्द करनी पड़ी है. छात्रों के जीवन से बार-बार ऐसा खिलवाड़ क्या उचित है?''
उन्होंने कहा,‘‘उत्तर प्रदेश में बार-बार पेपर लीक होने से ऐसा लगता है कि नकल माफिया सरकार की पकड़ एवं सख्ती से बाहर हैं, किन्तु इस प्रकार की गंभीर घटनाओं से प्रदेश की पूरे देश में होने वाली बदनामी आदि के लिए असली कसूरवार व जवाबदेह कौन? दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बीएसपी की मांग.''
अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला ने बताया कि राज्य के 24 जिलों में इंटरमीडिएट की अंग्रेजी परीक्षा रद्द कर दी गई है. उन्होंने कहा कि परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गया था और इस मामले की जांच की जा रही है.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन जिलों के जिलाधिकारियों को छात्रों को परीक्षा रद्द होने के बारे में सूचित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि अगर छात्र पहले ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गए हैं तो वे अपने-अपने घर लौट जाएं.
उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार पहले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दे चुकी है. अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया कि इस बारे में जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पेपर लीक मामले में दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और उन पर रासुका के तहत कार्रवाई करने को कहा है.
इस बीच, बलिया के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अंग्रेजी की परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र और हल किया हुआ पत्र सोशल मीडिया पर कथित रूप से लीक हो जाने के बाद परीक्षा निरस्त कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर परीक्षा का प्रश्नपत्र और हल किया गया पत्र वायरल हो गया था और केवल 500 रुपए में हल किया गया पत्र बिकने की सूचना मिली थी. जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए उप जिलाधिकारी, बिल्थरारोड के साथ पुलिस उपाधीक्षक, रसड़ा और जिला विद्यालय निरीक्षक की जांच टीम गठित की है.
परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने के आरोप में उभांव थाने में अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है. उभांव थाना के निरीक्षक अविनाश सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
एक अलग घटनाक्रम में गाजीपुर जिला प्रशासन ने बुधवार को यहां नंदगंज थाना क्षेत्र के फतेहुल्लापुर गांव में शिक्षा माफिया महेंद्र सिंह कुशवाहा की एक करोड़ रुपये से अधिक की जमीन कुर्क कर ली. पुलिस क्षेत्राधिकारी गाजीपुर ओजस्वी चावला ने बताया कहा कि 2016 में कुशवाहा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और उसकी संपत्तियों (चल और अचल दोनों) को कुर्क किया गया है. चावला ने कहा कि बुधवार को कुर्क की गई जमीन की कीमत करीब 1.25 करोड़ रुपये है. अधिकारियों ने यह भी साफ किया कि गाजीपुर में की गई कार्रवाई प्रश्नपत्र लीक और बलिया में की गई गिरफ्तारी से नहीं जुड़ी है.
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