UP उपचुनाव : क्या BSP बिगाड़ेगी SP का काम? समझिए फूलपुर सीट का सियासी समीकरण

प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक प्रवीण पटेल के सांसद बनने के बाद उनके इस्तीफ़े से ख़ाली हुई है. इस सीट पर इंडिया गठबंधन में कांग्रेस दावेदारी कर रही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को झटका दे दिया.

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में जिन नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है, उनमें एक सीट है फूलपुर. प्रयागराज ज़िले की फूलपुर सीट बीजेपी के विधायक रहे प्रवीण पटेल के सांसद बनने के बाद उनके इस्तीफे से ख़ाली हुई है. इस सीट पर 13 नवंबर को मतदान कराया जाएगा और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच माना जा रहा है, लेकिन बीएसपी के उपचुनाव में आने से त्रिकोणीय मुक़ाबले की उम्मीद है.

प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर साल 2022 में जीतकर बीजेपी के प्रवीण पटेल लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. हालांकि 2024 में बीजेपी ने उन्हें सांसद का टिकट दे दिया और वो चुनाव भी जीत गए. इसके बाद उन्होंने फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.

क्या हैं फूलपुर के जातिगत आंकड़े?

फूलपुर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4,06,028 है. यहां सबसे अधिक अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर्स हैं, जिनकी संख्या लगभग 75 हज़ार मानी जाती है. फूलपुर सीट पर अनुसूचित जाति के बाद सबसे अधिक पटेल वोटर्स माने जाते हैं. पटेल बिरादरी की संख्या लगभग 70 हज़ार है. इसी तरह यादव 60 हज़ार, मुस्लिम 50 हज़ार, ब्राह्मण 45 हज़ार, निषाद 22 हज़ार, वैश्य 16 हज़ार, क्षत्रिय 15 हज़ार और अन्य लगभग 50 हज़ार हैं.

मायावती के चुनाव में उतरने से दलित और मुस्लिम वोटर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी में बंट सकते हैं. ऐसे में यहां अगर सपा, कांग्रेस के साथ मिलकर जीतने की स्थिति में होगी तो बीएसपी के वोट काटने से मुकाबला नजदीकी हो सकता है और सपा को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

किस पार्टी से कौन प्रत्याशी?

फूलपुर सीट पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन बीजेपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. सपा ने एक बार फिर तीन बार के विधायक रहे मुस्तफा सिद्धकी को टिकट दिया है. वहीं बीएसपी ने पासी समाज से आने वाले शिवबरन पासी को उम्मीदवार बनाया है.

बीजेपी के उम्मीदवार का इंतजार

बीजेपी की तरफ़ से दावेदारों में चार नाम चल रहे हैं. इनमें पूर्व सांसद केसरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल, यमुनापार की बीजेपी की ज़िलाध्यक्ष कविता पटेल और डॉ यूवी यादव के नाम की चर्चा है. इसके अलावा चर्चा ये भी है कि मौजूदा सांसद प्रवीण पटेल अपनी पत्नी गोल्डी पटेल के लिए पार्टी आलाकमान से शिफारिश कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी से जुड़े लोगों का मानना है कि मौजूदा सांसद होने की वजह से पार्टी प्रवीण पटेल की पत्नी गोल्डी पटेल को टिकट देने से बचेगी.

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फूलपुर में किसकी जीत की संभावना?

प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट 2017 और 2022 में बीजेपी के खाते में गई थी. हालांकि 2017 में 16,613 वोटों से जीतने वाले प्रवीण पटेल की जीत का मार्जिन 2022 में घटकर 2732 रह गया था. समाजवादी पार्टी इस बार कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में उसे उम्मीद है कि जो तीन हज़ार से कम का मार्जिन था, उसे कांग्रेस के साथ आने के बाद थोड़ी मेहनत करके ख़त्म कर ये सीट निकाली जा सकती है. हालांकि बीएसपी के उपचुनाव में उतरने की वजह से बीजेपी और सपा के समीकरण बदल सकते हैं.

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