Explainer: मां-बाप या किसी और की मौत के बाद उसका मोबाइल नंबर या सोशल अकाउंट चलाना गैरकानूनी, जेल-जुर्माना संभव

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके मोबाइल नंबर या सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है. ऐसा करने पर आपको जेल या जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. आइए समझिए, परिवार में किसी की मौत हो जाए तो उसके नंबर या फेसबुक-व्हाट्सएप अकाउंट का क्या करें.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
social media accounts
नई दिल्ली:

आज घर के हर शख्स के पास अपना मोबाइल और उसका नंबर होता है. अपना सोशल मीडिया अकाउंट होता है. ये मोबाइल नंबर बैंक, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य चीजों से जुड़ा होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर किसी शख्स की मौत हो जाए तो क्या उसके सोशल मीडिया अकाउंट या मोबाइल नंबर का क्या करना चाहिए. अक्सर हम घर में किसी शख्स की मौत हो जाने के बाद उसका सिम निकालकर इस्तेमाल करने लगते हैं. कई लोग तो अपने मृत परिजनों के सोशल मीडिया अकाउंट को भी चलाते रहते हैं, लेकिन यह कानूनी तौर पर पूरी तरह गलत है. आपको 3 से सात साल तक जेल या जुर्माना भी हो सकता है.

किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप अकाउंट, ईमेल और फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल कानूनी तौर पर सही नहीं है. परिवार के सदस्य किसी अपने की मौत के बाद सुविधा, भावनात्मक लगाव या आर्थिक फायदे के लिए मृतक के मोबाइल नंबर या ऑनलाइन खातों का इस्तेमाल करते रहते हैं. लेकिन भारतीय कानून में डेटा प्राइवेसी और अन्य कानूनों का ये उल्लंघन है.

मृत्यु के बाद मोबाइल नंबर का क्या करें

  • मोबाइल नंबर किसी व्यक्ति की मिल्कियत नहीं होता. यह मोबाइल ऑपरेटर (एयरटेल, जियो, बीएसएनएल आदि) के साथ सेवा समझौते के तहत लीज पर दिया जाता है.
  • मौत के बाद कानूनी तौर पर फोन नंबर को ट्रांसफर या बंद कराना अनिवार्य है. दूरसंचार नियमों के अनुसार, मोबाइल कनेक्शन का संचालन केवल उसी व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए जिसके नाम पर वह रजिस्टर्ड है.
  • ग्राहक की मृत्यु के बाद उसके कानूनी वारिस को टेलीकॉम कंपनी को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
  • सिम को कानूनी वारिस के नाम पर ट्रांसफर करने या उसे निष्क्रिय करने का अनुरोध किया जा सकता है.

मृत व्यक्ति का सिम इस्तेमाल करना गैरकानूनी

दिल्ली हाईकोर्ट के वकील वरुण दीक्षित का कहना है कि किसी मृतक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत सिम का ट्रांसफर किए बिना उपयोग जारी रखना कई कानूनों का उल्लंघन है. नए मालिक का रिकॉर्ड अपडेट किए बिना ऐसे सिम का इस्तेमाल दूरसंचार सेवाओं का उल्लंघन है.

  1. भारतीय टेलीग्राफ कानून 1885
  2. टेलीकॉम लाइसेंस नियम
  3. सेवा प्रदाता कंपनी के नियम और शर्तें

पहचान का दुरुपयोग, आर्थिक धोखाधड़ी संभव

किसी भी व्यक्ति के मोबाइल नंबर से बैंक खाता, आधार कार्ड, पैन कार्ड, यूपीआई और सरकारी सेवाएं जुड़ी होती हैं. ऐसे में बैंक या अन्य संबंधित संस्था को जानकारी दिए बिना खाते से पैसा निकालना या किसी अन्य तरह का ट्रांसफर भी गैरकानूनी है.

  1. इसमें किसी दूसरे की पहचान का इस्तेमाल करना
  2. वित्तीय धोखाधड़ी, गैरकानूनी लेनदेन
  3. निजता यानी प्राइवेसी का उल्लंघन का मामला 

मौत के बाद सोशल मीडिया अकाउंट का क्या करें?

अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसे अकाउंट्स को निजी डिजिटल संपत्ति मानते हैं, न कि किसी दूसरे को ट्रांसफर करने वाली चीज. किसी व्यक्ति का पर्सनल डेटा मृत्यु के बाद भी संरक्षित रहता है.इसलिए किसी मृत व्यक्ति के सोशल मीडिया खाते, ईमेल या व्हाट्सएप का उपयोग करना कानूनी तौर पर गलत है.

फेसबुक, इंस्टाग्राम: यादगार के तौर पर सोशल मीडिया अकाउंट बनाए रखने या खाता हटाने का विकल्प देते हैं. लेकिन परिवार का कोई सदस्य कानूनी तौर पर मृत व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट को नहीं चला सकता. 

Advertisement

गूगल (GMAIL, यूट्यूब): किसी मृत व्यक्ति के जीमेल अकाउंट की जानकारी केवल कानूनी सत्यापन के बाद ही उसके परिजनों के साथ शेयर की जाती है, क्योंकि इसमें बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, एफडी या अन्य तरह की संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां हो सकती हैं.

व्हाट्सएप: किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका खाता नंबर के साथ खुद डिएक्टिवेट कर दिया जाता है. कोई उसका इस्तेमाल करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

Advertisement

ट्विटर या X: मौत के बाद सोशल मीडिया अकाउंट होल्डर की जानकारी का सत्यापन करके उसका अकाउंट डिलीट करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन किसी और को इसके इस्तेमाल का हक नहीं है.

मर चुके व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट का संचालन गैरकानूनी मालिक की मृत्यु के बाद खाते का उपयोग या संचालन कई कानूनों के उल्लंघन के दायरे में आता है.

Advertisement

1. आईटी एक्ट, 2000
धारा 43 – कंप्यूटर, लैपटॉप या अन्य उपकरणों का गैरकानूनी इस्तेमाल
धारा 66 – पहचान की चोरी और गलत तरीके से इस्तेमाल
धारा 66C – इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, पासवर्ड की धोखाधड़ी, गलत  उपयोग
धारा 66D – धोखाधड़ी के लिए ऑनलाइन पहचान का गलत इस्तेाल

2. भारतीय दंड संहिता (IPC/BNS)
विश्वासघात (BNS धारा 316)
धोखाधड़ी (BNS धारा 318-319)
निजता का अधिकार 

3. डिजिटल खातों पर कानूनी अधिकार किसका
केवल ऐसे व्यक्ति ही ऐसे डिजिटल अकाउंट्स पर कानूनी नियंत्रण ले सकते हैं:
1. उत्तराधिकार कानून के तहत कानूनी वारिस
2. वसीयत को लागू कराने वाला, यदि कोई डिजिटल वसीयत मौजूद है
3. न्यायालय द्वारा अधिकृत व्यक्ति/निकटतम संबंधी, फिर भी वे खाता संचालित नहीं कर सकते.
4. डिजिटल प्लेटफॉर्म पॉलिसी के अनुसार खाता हटाने या डेटा एक्सेस का अनुरोध कर सकते हैं.

गलत होने पर किसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई?

Advertisement

अगर मोबाइल नंबर या सोशल मीडिया अकाउंट का का अवैध इस्तेमाल किया जाता है. मृत व्यक्ति का नंबर/खाता चलाने वाला व्यक्ति अगर उसके जरिये बैंकिंग लेनदेन करता है. आधार, पैन, यूपीआई लेनदेन करता है. ओटीपी लेकर कोई लेनदेन करता है या मैसेज के जरिये किसी तरह का लाभ पाने की कोशिश करता है या सोशल मीडिया अकाउंट्स से पोस्ट करता है तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. 

हो सकती है एफआईआर

मृत व्यक्ति के मोबाइल नंबर का दुरुपयोग वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जाता है तो उस सिम का इस्तेमाल करने वाले इन कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है.यदि नंबर का इस्तेमाल करने वाले मृत व्यक्ति की सूचना नहीं दी जाती है, तो इसे दूरसंचार नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है.

  • बीएनएस धारा 318-319 (धोखाधड़ी)
  • बीएनएस धारा 316 (विश्वासघात)
  • आईटी अधिनियम धारा 66सी/66डी

मौत के बाद ऐसे खातों को लेकर क्या करें

1. मोबाइल नंबर के लिए
• दूरसंचार ऑपरेटर को सूचित करें
• मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करें
• स्वामित्व हस्तांतरित करें या सिम डिएक्टिवेट करें

2. सोशल मीडिया के लिए
• मेमोरी अकाउंट बनाने या अकाउंट हटाने का अनुरोध करें (फेसबुक/इंस्टाग्राम)
• सोशल मीडिया अकाउंट हटाने का अनुरोध करें (गूगल/ट्विटर)
• उनके पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन न करें

3.  नंबर से जुड़े बैंकिंग/यूपीआई के लिए
• बैंक को तुरंत सूचित करें
• नॉमिनी या वारिस की जानकारी अपडेट करें
• आरबीआई नियमों के अनुसार खाता ब्लॉक करें या ट्रांसफर कराएं

FAQ_EMBED

Featured Video Of The Day
NDTV Indian Of The Year 2025: M3M Foundation ने Janhvi Kapoor को Best Actress Award से सम्मानित किया