USAID फंडिंग पर BJP कांग्रेस में घमासान, सोशल मीडिया पर आपस में उलझे जयराम रमेश और अमित मालवीय

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि यह कांग्रेस और उसके तंत्र की विवादास्पद यूएसएआईडी फंडिंग से ध्यान हटाने की हताशा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
USAID पर आमने-सामने कांग्रेस-बीजेपी
नई दिल्ली:

अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी की ओर से भारत में 'वोटर टर्नआउट' बढ़ाने के लिए की गई कथित फंडिंग से उठा राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी लगातार एक दूसरे हमलावर है. कांग्रेस ने इसे देश को गुमराह करने के लिए एक और 'जुमला' बताया, जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया. 

USAID पर जयराम नरेश ने क्या कहा

अब इस मामले में ताजा लड़ाई सोमवार सुबह की तब फिर से शुरू हुई जब कांग्रेस प्रवक्ता और दिग्गज नेता जयराम रमेश ने वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की और कहा कि विवादास्पद यूएसएआईडी (यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) स्कीम सात परियोजनाओं में शामिल है और यह सरकार के सहयोग से किया जा रहा है.

जयराम के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि यह कांग्रेस और उसके तंत्र की विवादास्पद यूएसएआईडी फंडिंग से ध्यान हटाने की हताशा है. फंडिंग की बारीकियों को बताते हुए उन्होंने बताया, "जिन यूएसएआईडी परियोजनाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वे आधिकारिक सरकार-से-सरकार भागीदारी हैं, जिन्हें पारदर्शी तरीके से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) के रूप में क्रियान्वित किया जाता है. केंद्र इन निधियों को विकास के लिए राज्यों को देता है, जो सहकारी संघवाद के ढांचे के भीतर है."

Advertisement

अमित मालवीय ने कांग्रेस पर साधा निशाना

मालवीय ने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय की 2023-24 की रिपोर्ट में उल्लिखित परियोजनाएं, जिसे जयराम रमेश ने साझा किया है, 2010-11 में शुरू की गई थीं और 2014-15 की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है. जयराम रमेश के मुताबिक यूएसएआईडी वर्तमान में देश में सात परियोजनाओं में शामिल है, जिनका संयुक्त बजट 750 मिलियन डॉलर है. उन्होंने कहा, "इनमें से एक भी परियोजना का 'वोटर टर्नआउट' से कोई लेना-देना नहीं है. ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं."

Advertisement

इस आरोप का जवाब देते हुए अमित मालवीय ने एक्स पर पूछा, "कांग्रेस जॉर्ज सोरोस से जुड़े विदेशी दानदाताओं और संगठनों की ओर से गुप्त हस्तक्षेप का बचाव क्यों कर रही है, जो परोपकार की आड़ में हमारे लोकतंत्र को अस्थिर करना चाहते हैं? मालीवय ने कहा, "भारत की संप्रभुता बिक्री के लिए नहीं है. भारत का शासन विदेशी एजेंटों द्वारा निर्देशित नहीं किया जाएगा जो लाभार्थियों के रूप में मुखौटा लगाए हुए हैं."

Advertisement

कांग्रेस और बीजेपी में किस बात पर घमासान

भारत को 21 मिलियन डॉलर के अनुदान पर विवाद तब शुरू हुआ जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई (सरकारी दक्षता विभाग) ने दावा किया कि उसने 'वोटर टर्नआउट' को बढ़ावा देने के लिए भारत को दिए जाने वाले अनुदान को रद्द कर दिया है. इस दावे का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर समर्थन किया है. अमेरिका में सरकारी खर्चों में कटौती के लिए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी यानी (डीओजीई) बनाया गया है.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Murder: दिल्ली के Paschim Vihar में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या, फॉर्च्यूनर पर ताबड़तोड़ फायरिंग