गाजा पट्टी (Gaza Strip) में जारी संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के बीच फोन पर बातचीत हुई है. इस बातचीत के बाद व्हाइट हाउस (White House) की तरफ से जारी बयान में बताया कि इस दौरान गाजा में विदेशी राहतकर्मियों के मारे जाने का मुद्दा उठाया गया.
अमेरिका ने इस बातचीत के दौरान इजरायल को कहा कि गाजा में हालात सुधारने के लिए ठोस क़दम उठाए जाएं. जो बाइडेन ने नेतन्याहू से दो टूक लहज़े में बात की है कि अगर स्थिति में परिवर्तन नहीं दिखता है, तो अमेरिकी नीति में गाजा संघर्ष को बदलाव संभव है. हालांकि, अमेरिका ने साफ किया है कि फिलहाल इज़राइल को दिया जा रहा समर्थन जारी रहेगा.
बाइडेन ने नेतन्याहू से गाजा में मानवीय त्रासदी रोकने के लिए तुरंत क़दम उठाने को कहा है. साथ ही गाजा में संघर्ष के बीच राहतकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है. इसके लिए बाइडेन ने नेतन्याहू से तुरंत युद्धविराम करने को कहा है. अमेरिका चाहता है कि गाजा में जल्द और अधिक मानवीय सहायता भेजी जाए. इसके बाद इजरायल ने तीन और चेक पोस्ट खोलने का फैसला किया.
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में मिस्र के सरकारी मीडिया ने बताया कि इजराइली हमलों में मारे गए छह विदेशी सहायता कर्मियों के शव गाजा से बाहर भेज दिए गए हैं. पिछले दिनों इजराइल द्वारा गाजा में किए गए हवाई हमले में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन' के छह अंतरराष्ट्रीय सहायताकर्मियों की मौत हुई, जिसमें भारतीय मूल की एक महिला लालजावमी फ्रैंककॉम भी शामिल थीं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी स्वीकार किया कि ये हमला इजराइली बलों द्वारा किया गया था. इस हमले में मारे गए सात लोग ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, ब्रिटेन, फलस्तीन, अमेरिका और कनाडा के नागरिक हैं.
सात अक्टूबर, 2023 को गाजा पट्टी से हमास के आतंकवादियों ने जमीन, समुद्री और हवाई मार्गों से इजराइल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,200 इजराइली नागरिक मारे गए और 230 अन्य को बंधक बना लिया गया. इस हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर जवाबी कार्रवाई की. गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगभग 32,000 फलस्तीनी मारे गए, जिनमें दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
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