श्रीलंका द्वारा चीनी जहाज की निर्धारित यात्रा को स्थगित करने के बीच, पहली बार अमेरिकी पोत मरम्मत के लिए पहुंचा भारत

अमेरिकी नौसैनिक पोत ‘चार्ल्स ड्रयू’ मरम्मत एवं संबद्ध सेवाओं के लिए रविवार को चेन्नई के कट्टूपल्ली में कंपनी ‘लार्सन एंड टुब्रो’ (एलएंडटी) के शिपयार्ड में पहुंचा.

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भारतीय शिपयार्ड व्यापक रेंज और लागत प्रभावी जहाज मरम्मत और रखरखाव सेवाएं प्रदान करते हैं
नई दिल्ली:

अमेरिकी नौसैनिक पोत ‘चार्ल्स ड्रयू' मरम्मत एवं संबद्ध सेवाओं के लिए रविवार को चेन्नई के कट्टूपल्ली में कंपनी ‘लार्सन एंड टुब्रो' (एलएंडटी) के शिपयार्ड में पहुंचा. यह पहली बार है, जब कोई अमेरिकी पोत मरम्मत कार्य के लिए भारत पहुंचा है. रक्षा मंत्रालय ने इसे ‘मेक इन इंडिया' के लिए ‘‘उत्साहजनक'' करार देते हुए कहा कि इस कदम ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया आयाम जोड़ा है.

अमेरिका का यह पोत मरम्मत के लिए 11 दिन तक कट्टूपल्ली के शिपयार्ड में रहेगा. यह पोत अमेरिकी नौसेना को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जंगी बेड़े के संचालन में अहम सहयोग देता है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह पहली बार है, जब अमेरिकी नौसेना का जहाज मरम्मत के लिए भारत पहुंचा है. अमेरिकी नौसेना ने जहाज के रखरखाव के लिए कट्टुपल्ली में एलएंडटी के शिपयार्ड को ठेका दिया था.''

यह ऐसे समय में हुआ है जब श्रीलंका के द्वारा उच्च तकनीक वाले एक चीनी जहाज की निर्धारित यात्रा को स्थगित करने की बात कही गई थी. ऐसा माना जा रहा है कि श्रीलंका ने ये फैसला भारत के दबाव में आकर लिया है. सूत्रों ने बताया कि कोलंबो में चीनी दूतावास ने श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय से इस तरह का संदेश मिलने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए श्रीलंका के उच्च अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक की मांग की है. लेकिन राष्ट्रपति कार्यालय ने बैठक को लेकर मीडिया में आईं खबरों का खंडन किया है.

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