बीते 5 वर्षों में अमेरिका को 2 लाख से अधिक अवैध भारतीय अप्रवासियों का सामना करना पड़ा: विदेश राज्य मंत्री

अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले पांच वर्षों में 2 लाख से अधिक अवैध भारतीय प्रवासियों का सामना किया, जिनमें से सबसे अधिक 96,917 मामले 2022-23 में दर्ज किए गए.

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नई दिल्‍ली:

भारतीयों में अमेरिका जाने की चाह लंबे समय से रही है. अमेरिकी आंकड़ों का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा संसद में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले पांच वर्षों में 2 लाख से अधिक अवैध भारतीय प्रवासियों का सामना किया, जिनमें से सबसे अधिक 96,917 मामले 2022-23 में दर्ज किए गए.

विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि अमेरिकी अधिकारियों को 2018-19 में 8027, 2019-20 में 1227 और 2020-21 में 30,662 अवैध भारतीय अप्रवासी मिले. 2021-22 में यह संख्या 63,927 थी, जबकि 2022-23 में 96,917 मामले सामने आए हैं.

अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सामना किए गए अवैध भारतीय अप्रवासियों की कुल संख्या 200,760 है. मुरलीधरन ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सामना किए गए अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या से संबंधित डेटा अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा की वेबसाइट पर प्रकाशित आव्रजन आंकड़ों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि डेटा अमेरिकी वित्तीय वर्ष (अक्टूबर से सितंबर) के अनुसार है.

मंत्री ने कहा कि अमेरिकी सीमा पार करते समय जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या के बारे में विवरण उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा, "सरकार विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है." उन्होंने कहा कि विदेशी रोजगार के लिए भारतीय नागरिकों की भर्ती को उत्प्रवास अधिनियम 1983 के तहत विनियमित किया जाता है.

मुरलीधरन ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने कानूनी प्रवासन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं. उपायों में प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) और प्रस्थान-पूर्व अभिविन्यास और प्रशिक्षण (पीडीओटी) शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासी श्रमिक सुरक्षित प्रवासन करें और गंतव्य देशों में उनके पास काम करने और रहने की अच्छी स्थिति हो.

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने संभावित प्रवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए 2018 में 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' अभियान शुरू किया." उन्होंने कहा कि भारत ने भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने के उद्देश्य से फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया और इटली के साथ प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए.

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मुरलीधरन ने कहा कि डेनमार्क, जापान, पुर्तगाल, मॉरीशस और इज़राइल के साथ श्रम गतिशीलता साझेदारी समझौते या समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने कहा, "मंत्रालय सुरक्षित और कानूनी प्रवासन के लाभों और विदेशी रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए राज्य सरकारों और संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय कर रहा है."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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