जंतर-मंतर पर हड़ताल पर बैठे UPSC के छात्र, बोले- कोविड आ गया तो इसमें हमारी क्या गलती?

इन लोगों ने कोर्ट का भी रूख किया. जिसमें कोर्ट ने कोई आदेश तो नहीं दिया पर सरकार को सलाह दी कि इन अभ्यार्थीयों पर उदार दृष्टि रखे. लेकिन उदार दृष्टिकोण रखना तो दूर, प्रदर्शन करने पर पुलिस इन्हें कई बार हिरासत में ले चुकी है.

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नई दिल्ली:

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) के उम्मीदवार एक अतिरिक्त प्रयास की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर हड़ताल पर बैठ गए हैं. ये वो छात्र हैं, जिनका 2020-21 में UPSC की परीक्षा में बैठने का आखिरी अवसर था, लेकिन कोविड संक्रमित होने के चलते या तो ये परीक्षा नहीं दे पाए या फिर तैयारी नहीं कर पाए. देश भर में यूपीएससी के लगभग 30 हज़ार अभ्यार्थी हैं, जिनकी मांग है कि उन्हें सरकार यूपीएससी देने का एक और मौका दे. लेकिन सरकार से अब तक इन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. 

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33 साल के गौरव मधुबनी से आकर दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. पिछली साल UPSC की परीक्षा से ठीक एक महीने पहले गौरव के पिता की कोविड के चलते मौत हो गई. पिता की मौत से दुखी गौरव की तैयारी अधूरी थी और वो फेल हो गए. इससे पहले गौरव दो बार प्री निकाल चुके थे. ये उनका आखिरी अवसर था. गौरव को आईएएस बनने का सपना टूटता हुआ दिख रहा है. उनका कहना है कि हम लोग भी लॉकडाउन में घर गए. तैयारी नहीं हो पाई, किताबें नही थीं और फिर परीक्षा से एक महीने पहले कोविड से मेरे पिता की मौत हो गई. मैं पेपर के तीन घंटे रोता ही रहा.

वहीं यूपी के गोरखपुर के रहने वाले ज्ञानेंद्र का भी ये यूपीएससी परीक्षा देने का आखिरी अवसर था. ज्ञानेंद्र को परीक्षा से पहले कोविड हो गया, जिस वजह से वो परीक्षा नहीं दे पाए. वह कहते हैं कि क्या मेरी गलती है कि मुझे कोविड हुआ. अगर मैं कोविड रहते पेपर देने जाता तो मुझे अपराधी करार दिया जाता. मुझे सरकार की नीतियों में पेपर नहीं देने दिया.

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इन लोगों ने कोर्ट का भी रूख किया. जिसमें कोर्ट ने कोई आदेश तो नहीं दिया पर सरकार को सलाह दी कि इन अभ्यार्थीयों पर उदार दृष्टि रखे. लेकिन उदार दृष्टिकोण रखना तो दूर, प्रदर्शन करने पर पुलिस इन्हें कई बार हिरासत में ले चुकी है. यूपीएससी अभ्यार्थी अभिषेक आनंद सिन्हा ने बताया कि हम सरकार से बार बार मिलने की कोशिश कर रहे हैं, पर मिलना तो दूर की बात है, हमें हिरासत में ले लिया गया.

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UPSC अभ्यार्थियों का मुद्दा संसद में NCP सांसद फौजिया खान भी उठा चुकी हैं. लेकिन सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं आया है. इनमें से ज़्यादातर छात्र एक या उससे ज्यादा बार यूपीएससी का प्री या मेन्स निकाल चुके हैं. कई साल इन्होंने दिन रात पढ़ाई की है और अगर ये कोविड आ गया तो इसमें इनकी क्या गलती है. इनका यही कहना है कि जब सरकार कोविड के लिए समय पर बेड और आक्सीजन देने के लिए तैयारी नहीं कर पाई तो ये त्रासदी के दौर में मरते तड़पते अपने घरवालों के बीच तैयारी कैसे कर लेते.

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