UPSC ने लेटरल एंट्रीज के लिए मांगे आवेदन, जॉइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल पर अप्लाई करने से पहले योग्यता जानें

नीति आयोग ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि लेटरल एंट्री के तहत एक्सपर्ट्स को सिस्टम में शामिल किया जाना जरूरी है. इसका मकसद ब्यूरोक्रेसी को गति देने के लिए निजी क्षेत्र से एक्सपर्ट्स को तलाशना है.

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UPSC ने जॉइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल पर लेटरल एंट्रीज के लिए मांगे आवेदन.
दिल्ली:

UPSC ने जॉइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल पर लेटरल एंट्रीज (Lateral Entry) के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. आवेदन भेजने की अंतिम तारीख 17 सितंबर तक है. जॉइंट सेक्रेटरी और डारेक्टर लेवल पर आवेदन करने वालों में क्या-क्या योग्यता होनी चाहिए, ये उन्होंने फॉर्म के भीतर साफ कर दिया है. एजुकेशन से लेकर एक्सपीरिएंस और स्किल के साथ ही पूरा जॉब डिस्क्रिप्शन दिया गया है. आवेदन करने से पहले इसे ध्यान से पढ़ें और फिर अपनी योग्यता के हिसाब से आवेदन करें.

मोदी सरकार ने साल 2017 में सिविल सेवाओं में परीक्षा के जरिए नियुक्ति के अलावा अन्य क्षेत्रों में लेटरल एंट्री यानी सीधी नियुक्ति करने पर विचार करने की बात कही थी. साल 2018 में केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री की अधिसूचना जारी करते हुए 10 विभागों में जॉइंट सेक्रेटरी पदों के लिये आवेदन आमंत्रित किए थे. 

नीति आयोग ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि लेटरल एंट्री के तहत एक्सपर्ट्स को सिस्टम में शामिल किया जाना जरूरी है. इसका मकसद ब्यूरोक्रेसी को गति देने के लिए निजी क्षेत्र से एक्सपर्ट्स को तलाशना है. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने ब्यूरोक्रेसी के लिये लेटरल एंट्री की शुरुआत की. जिसके तहत सबसे पहले अलग-अलग विभागों में संयुक्त सचिव के 9 पदों के लिये निजी क्षेत्र के आवेदकों को चुना गया था.

 

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