मध्यप्रदेश में करीला मेले में राई नृत्यांगनाओं के एचआईवी टेस्ट की खबर के बाद अशोकनगर के सीएमएचओ डॉ. नीरज कुमार छारी को हटा दिया गया है. उन्हें फिलहाल संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल में ट्रांसफर किया गया है. मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी ज़िला प्रशासन से 5 दिनों में जवाब मांगा है. इस घटना को नृत्यांगनाओं के सम्मान के साथ जीने के अधिकारों का घोर उल्लंघन माना जा रहा है. विपक्षी दलों ने भी प्रशासन के इस कदम पर सवाल उठाए हैं.
मध्य प्रदेश के अशोकनगर में शनिवार से करीला मेला शुरू हो गया है, लेकिन मेले में जानकी मंदिर में नृत्य के लिए आई राई नृत्यांगनाओं का प्रशासन ने एचआईवी टेस्ट करवाया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 10 नृत्यांगनाओं का एचआईवी टेस्ट कराया गया है. अशोकनगर जिले में करीला का मेला माता जानकी के नाम से सदियों से लगता रहा है. मान्यता है कि मां जानकी ने यही लव कुश को जन्म दिया था. लव कुश के जन्म पर अप्सराएं स्वर्ग से उतरकर नृत्य करने के लिए यहां आई थीं. इसी लोकमत को परंपरा के तौर पर सदियों से यह निभाया जा रहा है. आज भी लोग मन्नते मांगते हैं, और पूरे होने पर राई नृत्य कराते हैं.
डॉ नीरज छारी, सीएमएचओ ने बताया कि हमने 10 महिलाओं की एचआईवी टेस्ट किया है. हमें जरूरी लगा, श्रद्धालु आते हैं इसलिये किया. जांच का उद्देश्य यही है. अगर बॉन्डिंग होती है, तो एक दूसरे को बीमारी ना दे पाएं. बता दें कि अब टेस्ट के दौरान की राई नृत्यांगनाओं की तस्वीरें, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लेकिन स्वास्थ्य, संस्कृति मंत्री इस पर कुछ कहने को तैयार नहीं, सभी ने कहा- उन्हें कुछ पता नहीं है.
जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं जानकारी ले लूंगा, नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्ग्रेनाइजेशन) की गाइडलाइंस का उल्लंघन हुआ है, मैं सीएमएचओ से बात करके जानकारी लूंगा."
इधर, कांग्रेस इस टेस्ट से उखड़ी है लेकिन उन्हें ज्यादा परेशानी मंदिर में टेस्ट से है. कांग्रेस नेता कुणाल चौधरी कहते हैं, "धार्मिक जगह है, किस बात के लिये कहां क्या करा जा रहा है. सरकार आम जनता को प्रताड़ित करती है, उस जगह ये टेस्ट होना ठीक नहीं है.
बता दें कि नृत्यांगनाओं का टेस्ट उस जिले में हुआ है, जहां कि कलेक्टर खुद एक महिला हैं.