इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट, मेटा अलर्ट और यूपी पुलिस की तत्‍परता... 16 मिनट में बचा ली छात्रा की जान

इंस्‍टा पोस्‍ट डालते ही मेटा कंपनी का अलर्ट सीधे लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर तक पहुंचा. वहां तैनात टीम ने फौरन गंभीरता को समझा और छात्रा की लोकेशन ट्रेस की. पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने आदेश दिए और जानकारी बरेली पुलिस तक पहुंची.

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  • बरेली की बीए थर्ड ईयर की छात्रा ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या की मंशा जाहिर करते हुए पोस्ट डाली थी.
  • मेटा कंपनी का अलर्ट तुरंत लखनऊ पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर तक पहुंचा और लोकेशन ट्रेस हुई.
  • सीबीगंज थाना पुलिस 16 मिनट में छात्रा के घर पहुंची और प्राथमिक उपचार के बाद उसकी जान बचाई गई.
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सोचिए, एक 20 साल की युवती जिसने अभी जिंदगी की उड़ान भरनी शुरू ही की थी, अचानक इतना निराश हो गई कि उसने मौत को गले लगाने का फैसला कर लिया. 31 अगस्त की दोपहर, बरेली की ये बीए थर्ड ईयर की छात्रा अपने कमरे में बैठी थी. हाथ में सल्फास की गोलियों का पैकेट और मोबाइल की स्क्रीन पर खुला इंस्टाग्राम. उसने एक पोस्ट डाला. पोस्‍ट में आत्महत्या की मंशा जाहिर हो रही थी. लेकिन इस बार सोशल मीडिया उसकी जान लेने की नहीं, बल्कि जान बचाने की वजह बना. 

महज 16 मिनट में एक्‍शन और बच गई जान 

दरअसल हुआ यूं कि इंस्‍टा पोस्‍ट डालते ही मेटा कंपनी का अलर्ट सीधे लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर तक पहुंचा. वहां तैनात टीम ने फौरन गंभीरता को समझा और छात्रा की लोकेशन ट्रेस की. पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने आदेश दिए और जानकारी बरेली पुलिस तक पहुंची. घड़ी की सुइयां बस 16 मिनट घूमीं और इतनी देर में सीबीगंज थाना पुलिस की टीम छात्रा के घर पर थी.

दरवाजा खुला तो सामने स्थिति चिंताजनक थी. छात्रा उल्टियां कर रही थी, बेचैनी में इधर-उधर टहल रही थी. घरवालों की आंखों में डर. लेकिन पुलिस के मन में मदद का संकल्प. प्राथमिक उपचार शुरू हुआ और धीरे-धीरे जिंदगी, मौत की पकड़ से बाहर आने लगी.

बस इतनी-सी बात थी और इतना बड़ा फैसला!

पुलिस की पूछताछ में छात्रा ने जो बताया, वो आज की डिजिटल दुनिया की एक कड़वी हकीकत थी. दरअसल, इंस्टाग्राम पर उसकी दोस्ती एक लड़के से हुई थी. अचानक लड़के ने बात करना बंद कर दिया और उसका नंबर ब्लॉक कर दिया. इस छोटे से धक्के ने लड़की को इतना तोड़ दिया कि उसने अपनी इहलीला समाप्‍त करने का फैसला कर लिया. पिता के खेत में रखी गेहूं की दवा लेकर आई और उसे जहर समझकर निगल लिया. 

समझाने पर छात्रा बोली- नहीं दोहराएगी गलती 

पुलिस ने काउंसलिंग की, समझाया और भरोसा दिलाया कि मुश्किलें स्थाई नहीं होतीं. छात्रा ने भी वादा किया कि वह अब दोबारा ऐसी गलती नहीं करेगी. ये घटना सिर्फ एक परिवार की राहत की कहानी नहीं है, बल्कि तकनीक और तत्परता के मेल का अनोखा उदाहरण है कि कैसे जीवन बचाया जा सकता है. 2022 से यूपी पुलिस और मेटा कंपनी मिलकर आत्महत्या संबंधी पोस्ट पर तुरंत अलर्ट भेजने की व्यवस्था चला रहे हैं. 1 जनवरी 2023 से 25 अगस्त 2025 तक इस सिस्‍टम की मदद से 1,315 लोगों की जान बचाई है.

हेल्पलाइन
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्‍थ 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com
TISS iCall 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

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