56 वर्ष बाद मिला सेना के जवान का शव, 1968 में IAF के विमान क्रैश में हो गए थे शहीद

उत्तर प्रदेश के सहारपुर के फतेहपुर गांव के शहीद मलखान सिंह को आज अंतिम विदाई दी गई. मलखान सिंह का 1968 में भारतीय वायुसेना के एक विमान क्रैश में निधन हो गया था. (अशोक कुमार कश्‍यप की रिपोर्ट)

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
सहारनपुर:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर के कस्‍बा नानौत के गांव फतेहपुर के शहीद मलखान सिंह को सैन्‍य सम्‍मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. करीब 56 साल पहले 1968 में भारतीय वायुसेना का विमान सियाचिन ग्लेशियर के पास क्रैश हुआ था, जिसमें 100 जवान शहीद हो गए थे. इनमें सहारनपुर के मलखान सिंह भी शामिल थे. मलखान सिंह की पार्थिव देह के फतेहपुर पहुंचने के बाद अंतिम संस्‍कार किया गया. मलखान के परिवार में उसके माता-पिता, पत्‍नी और बेटे का देहांत हो चुका है. 

शहीद मलखान सिंह की पार्थिव देह आज जब फतेहपुर पहुंची तो उनके परिवार का 56 साल पुराना जख्म एक बार फिर हरा हो गया. सेना के जवान स्थानीय पुलिस की मदद से मलखान सिंह के पार्थिव शरीर को लेकर उनके गांव फतेहपुर पहुंचे. मलखान सिंह के छोटे भाई ईसमपाल सिंह को मंगलवार को शव मिलने की जानकारी दी गई थी. 

पत्‍नी और बेटे का हो चुका है निधन 

56 वर्ष बाद दादा का शव मिलने पर उनके पौत्र गौतम कुमार सहित पूरा परिवार गमगीन है. मृतक मलखान सिंह की पत्नी शीला देवी और बेटे रामप्रसाद का निधन हो चुका है, जबकि जबकि उनके दो पौत्र गौतम और मनीष हैं, जबकि उनकी तीन पोतियां सोनिया, मोनिका और सीमा हैं. 

पांच दशक बाद मलखान सिंह का शव प्राप्त होने की जानकारी मिलने के बाद परिवार के लोग हतप्रभ हो गए, उन्हें यकीन नहीं हुआ कि आखिर इतने सालों के बाद कैसे शव मिल सकता है, लेकिन वायुसेना ने खुद अपनी तरफ से शव मिलने की आधिकारिक पुष्टि की है. 

'भारत माता की जय' के लगे नारे  

पौते गौतम कुमार ने कहा, “हमें कल सुबह आठ-नौ बजे के करीब यह सूचना दी गई कि आपके दादाजी का शव मिल चुका है. मेरे दादाजी एयरफोर्स में थे. वो चंडीगढ़ से किसी मिशन के लिए निकले थे, तो उनका जहाज किसी बर्फ में समा गया, जिसके बाद उनका कोई पता नहीं चला,  लेकिन अब उनके शव मिलने की जानकारी मिली है. गांव में खुशी और गम दोनों का माहौल है.”

पार्थिव शरीर जैसे ही गांव लाया गया, बड़ी संख्या में स्थानीय लोग श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर के आसपास इकट्ठा हो गए और ‘मलखान सिंह अमर रहे', ‘भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे. 

Advertisement

20 साल की उम्र में वायुसेना में हुए थे शामिल 

ईसमसिंह ने बताया कि मलखान सिंह 20 साल की उम्र में वायुसेना में शामिल हुए थे और इसके तीन साल बाद विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे. घटना के समय उनके परिवार में उनकी पत्नी शीला देवी और 18 माह का बेटा राम प्रसाद थे. उन्होंने बताया कि अगर मलखान जीवित होते तो उनकी उम्र 79 वर्ष होती. 

अपर पुलिस अधीक्षक सागर जैन ने बताया कि मलखान सिंह की पहचान शव के पास मिले एक बैच से हुई. अधिकारी ने बताया, ‘‘सेना ने हमें बताया कि शव पूरी तरह सड़ा-गला नहीं था, क्योंकि वह बर्फ में था. उनके परिवार के सदस्य उनकी पहचान कर सकते हैं.''

Advertisement

शहीद का दर्जा और मुआवजे की मांग 

गौतम और मनीष सहारनपुर में ऑटो चलाते हैं. मलखान सिंह के भाई सुल्तान सिंह और चंद्रपाल सिंह की भी मौत हो चुकी है. फिलहाल उनके भाई ईसमपाल सिंह और बहन चंद्रपाली है. परिवार का कहना है कि उन्हें वायुसेना की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली. परिवार वालों ने सरकार से उनके लिए 'शहीद' का दर्जा और मुआवजा देने की भी मांग की. 

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग क्षेत्र में बर्फ से ढके पहाड़ों पर 1968 में विमान दुर्घटना में लापता हुए मलखान सिंह का शव भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के कर्मियों की एक संयुक्त टीम ने हाल ही में बरामद किया है.

Advertisement

1968 में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था विमान 

एएन-12 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के लगभग 56 साल बाद चार जवानों के पार्थिव अवशेष बरामद किए गए. यह 102 लोगों को ले जा रहा ट्विन-इंजन टर्बोप्रॉप परिवहन विमान सात फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरते समय लापता हो गया था. 

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जवानों के शव और विमान का मलबा दशकों तक बर्फ से ढके इलाके में दबा रहा. वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने मलबे की खोज की. इसके बाद भारतीय सेना, विशेष रूप से डोगरा स्काउट्स द्वारा कई वर्षों तक अभियान चलाए गए. खतरनाक परिस्थितियों और दुर्गम इलाका होने की वजह से साल 2019 तक केवल पांच शव ही बरामद किए गए थे.''

Advertisement
Featured Video Of The Day
Milk Price: Delhi-NCR में इतने रुपए लीटर दूध और इस कीमत पर मिलेगा 1 KG दही... | Nandini Milk
Topics mentioned in this article