उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांवड़ यात्रा मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में यूपी सरकार (UP Government) ने बताया कि इस साल की कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई है. पिछले साल भी कांवड़ यात्रा नहीं हुई थी. अगर कोई श्रद्धालु स्थानीय मंदिर में अभिषेक के लिए जाता है तो उस कोविड प्रोटोकोल का पालन करना होगा. दिल्ली और उतराखंड ने भी इस पर रोक लगा दी है. इसके बाद यूपी कांवड़ यात्रा मामले सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी के साथ सुनवाई बंद कर दी. कोर्ट प्राधिकरण को चेतावनी दी अगर इस दौरान कोई भी कोई अप्रिय घटना हुई तो इसे कठोर तरीके से निपटा जाएगा.
बकरीद पर लॉकडाउन में ढील पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा केरल सरकार से जवाब
आज कोर्ट में बकरीद को लेकर लॉकडाउन में ढील मामले पर भी सुनवाई हुई. बकरीद के त्योहार को देखते हुए केरल सरकार लॉकडाउन की बंदिशों में ढील देने का फैसला किया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. केरल में तीन दिनों -18,19 और 20 जुलाई के लिए लॉकडाउन के नियमों में ढील देना राजनीतिक और सांप्रदायिक विचार है. जनहित याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी कांवड़ यात्रा पर कड़ा रुख अपनाया है. इसके चलते कांवड़ यात्रा को अब रद्द कर दिया गया है. लेकिन केरल में COVID मामलों की संख्या अधिक है. लिहाजा तीन दिन की छूट देने के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए.
केरल में इस समय पॉजिटिविटी रेट 10.6 फीसदी है
कोर्ट ने नोटिस जारी कर केरल सरकार से जवाब मांगा पीकेडी नांबियार की जनहित याचिका में कहा गया है कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, केरल में इस समय पॉजिटिविटी रेट 10.6 फीसदी है जो सबसे ज्यादा है. यहां तक कि यूपी और दिल्ली से भी कहीं ज्यादा है जहां कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई है.ऐसे में केरल के आदेश पर भी रोक लगाई जानी चाहिए. केरल सरकार की ओर से कहा गया कि हमने कुछ दुकानें ही खोली हैं. हम केंद्र के कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं.