- ओवैसी ने यूपी सरकार द्वारा "आई लव मोहम्मद" पोस्टर लगाने पर प्रतिबंध को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है
- ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों का मोहम्मद से प्रेम उनके ईमान का हिस्सा है और इसे कोई रोक नहीं सकता
- उन्होंने संविधान के आर्टिकल 25 का हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता उनके मूलभूत अधिकारों में शामिल है
AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आज 'आई लव मोहम्मद' पर एक बार फिर यूपी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यूपी में कहा जा रहा है कि आई लव मोहम्मद के अब पोस्टर नहीं लगाए जाएंगे. ओवैसी ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया. बिहार के किशनगंज में 'सीमांचल न्याय यात्रा' की शुरुआत से पहले ओवैसी ने कहा कि हर मुसलमान मोहम्मद से मोहब्बत करता है. इससे कोई हमें रोक नहीं सकता है.
ओवैसी ने कहा कि अगर कोई मुसलमान है तो उसका ईमान कहता है कि वो मोहम्मद से प्यार करे. ओवैसी ने कहा कि हमने सोशल मीडिया पर लिखा भी है कि हम मोहम्मद से मोहब्बत करते हैं. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने हमें सिखाया है कि जो जमीन और आसमां का मालिक है केवल तुम उसी की इबादत करो. उन्होंने कहा कि किसी मुसलमान का ईमान उस वक्त तक पूरा नहीं हो सकता है जबतक वह मोहम्मद को सबसे ज्यादा नहीं चाहेगा.
संविधान का दिया हवाला
ओवैसी यही नहीं रुके, उन्होंने इसके लिए संविधान के आर्टिकल 25 का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि ये हमारे ईमान का हिस्सा है. संविधान के आर्टिकल 25 में धार्मिक स्वतंत्रता है. ओवैसी ने कहा कि संविधान का ये मूलभूत अधिकार है भला हमसे कोई इसे कैसे छीन सकता है? उन्होंने यूपी सरकार के उस आदेश पर हमला बोला जिसमें कहा गया है कि अब यूपी में कोई भी आई लव मोहम्मद के बैनर नहीं लगाएगा। ओवैसी ने कहा कि ये सबसे पहले कानपुर में शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि वहां यूपी पुलिस के एडीजी ने इसका आदेश दिया. उन्होंने कहा कि ये क्या बात हुई कि हम नया पोस्टर नहीं लगा सकते हैं, यूपी में जो कहा गया है वो एकदम गलत है.
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