उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर तीसरे चरण का मतदान हो रहा है. इस बीच महोबा जिले के एक गांव के ग्रामीणों ने आज सुबह 3 घंटे तक मतदान करने से इनकार कर दिया. ग्रामीणों का कहना था कि गांव में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में पक्की सड़क का अभाव है. इस वजह से आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के समय में यह समस्या और बढ़ जाती है. कीचड़ और जलजमाव से काफी दिक्कत महसूस होती है. ग्रामीणों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने आज तक कोई पहल नहीं की. इस वजह से इस बार चुनाव में वोट नहीं करेंगे.
गुस्साए ग्रामीणों के वोट बहिष्कार को देखकर प्रशासन के अधिकारी आनन-फानन में हरकत में आ गए. उन्होंने ग्रामीणों के बीच जानकर उनकी समस्या के निदान का भरोसा दिया. तब जाकर तीन घंटे बाद ग्रामीण माने. प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने सुबह करीब साढ़े दस बजे मतदान शुरू किया.
इस संबंध में वहां पहुंचे एक अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण अपने गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी से नाराज थे. हालांकि, उन्होंने इसको लेकर प्रशासन से पहले कोई शिकायत नहीं की थी. ग्रामीणों का कहना था कि सड़क नहीं बनी हुई है. जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए. अधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों से कहा गया है कि इस समस्या के संबंध में आवेदन पत्र दीजिए. जिलाधिकारी से इस समस्या को अवगत कराया जाएगा. जल्द से जल्द इस समस्या का निदान करने की कोशिश की जाएगी.
वहीं सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से भी कुछ इसी तरीके का ग्रामीणों का विरोध सामने आया है. सिकंदराराऊ के गांव नगला बिहारी में ग्रामीणों ने मतदान करने से इनकार कर दिया. सुबह 10:00 बजे तक सिर्फ 4 मतदाताओं ने ही वोट किया था. बता दें कि रास्ते में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं होने से ग्रामीणो में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना था कि रास्ते में पानी जमा हो जाने से बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
ये भी देखें-UP चुनाव: तीसरे चरण के दौरान 'यादव बेल्ट' में पोलिंग जारी, SP को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद