उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में असुदुद्दीन ओवैसी का फैक्टर फुस्स हो गया है. ओवैसी के नेतृत्व वाली आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के अधिकतर उम्मीदवार पांच हजार मतों के आंकड़े को पार नहीं कर पाए हैं और राज्य के मतदाताओं ने उन्हें बुरी तरह नकार दिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 विधानसभा सीटों में अभी तक आए रुझान के आधार पर एआईएमआईएम को इस बार आधा फीसदी से भी कम मत मिलता हुआ नजर आ रहा है.
ओवैसी को यूपी चुनाव में भी वैसी ही आशा रही होगी, जैसा कि कमाल उन्होंने बिहार में दिखाया था. 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में ओवैसी ने पांच सीटें हासिल की थीं और आधा दर्जन सीटों पर बिहार की प्रमुख पार्टियों का खेल बिगाड़ा था, लेकिन यूपी में लोकसभा सांसद ओवैसी की मौजूदगी काम नहीं कर पाई.
चुनाव आयोग से शाम चार बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार आजमगढ़ से एआईएमआईएम के उम्मीदवार कमर कमाल को 1368 वोट, देवबंद सीट से उमैर मदनी 3145 वोट, जौनपुर से अभयराज 1340 वोट, कानपुर कैंट से मुइनुददीन 754 वोट, लखनऊ मध्य से सलमान को 463 वोट, मुरादाबाद से बाकी रशीद को 1266 वोट, मेरठ से इमरान अहमद को 2405 वोट, मुरादाबाद ग्रामीण से मोहीद फरगनी को 1771 वोट, निजामाबाद से अब्दुररहमान अंसारी 2116 वोट, मुजफफर नगर से मो इंतजार को 2642 वोट, संडीला से मो रफीक को 1363 वोट, टांडा से इरफान को 4886 वोट, सिराथू से योर मोहम्मद को 571 वोट तथा बहराइच से राशिद जमील को 1747 वोट प्राप्त हुए हैं .
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चुनाव आयोग की बेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में एआईएमआईएम को अभी तक 0.43 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं .
एआईएमआईएम ने उप्र विधानसभा चुनाव में सौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने का दावा किया था . ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उन्ही सीटों पर उतारे थे जो मुस्लिम बाहुल्य थी लेकिन प्रदेश के मुसलमानों सहित विभिन्न मतदाताओं ने ने उन्हें बुरी तरह से नकार दिया .
पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इनमें से 37 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.
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