'अपर्णा हमारे परिवार की बहू हैं, राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं पर पारिवारिक नहीं...' : शिवपाल यादव

साल 2017 के चुनाव में अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव में ठन गई थी, जिसका खामियाजा अखिलेश यादव को उठाना पड़ा था.

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अपर्णा यादव को लेकर शिवपाल यादव ने कही ये बात
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज है. इस बार समाजवादी पार्टी कई छोटी-बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया PSP(L) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने भी समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया है. बता दें कि साल 2017 के चुनाव में अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव में ठन गई थी, जिसका खामियाजा अखिलेश यादव को उठाना पड़ा था. बात इतनी बिगड़ गई थी कि शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश ने चाचा शिवपाल को मना लिया है. इस चुनाव में दोनों मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. 

अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने को लेकर शिवपाल यादव ने कहा कि अपर्णा हमारे परिवार की बहू हैं. राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, पर पारिवारिक मतभेद नहीं. परिवार अब एक हो चुका है 

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वहीं शिवपाल यादव ने कहा है कि मेरे बहुत से दोस्त नाराज हो गए हैं, जिनको टिकट नहीं दिला पाया,उन्हें मना रहा हूं.  मुझे लगता है राजनीति में त्याग ज़रूरी है. मुझे किसी पद की लालसा नहीं है. अखिलेश मुझसे मिलने आए थे. मैंने अखिलेश से कोई पद नहीं मांगा है. लोहिया जी ने कभी कोई पद नहीं लिया. मैं त्याग के रास्ते पर हूं. बता दें कि उत्तर प्रदेश के 11 जिलों के 58 विधानसभा क्षेत्रों में गुरुवार को हुए पहले चरण के मतदान में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. 

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