जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: बनारस में सपा प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने पर पार्टी ने लगाए धांधली के आरोप

वाराणसी ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद पर दो प्रत्याशियों चंदा यादव और पूनम मौर्या द्वारा 2-2 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे. इनकी स्क्रूटनी दोपहर 3 बजे उसी क्रम में शुरू हुई.

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सपा के नेता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि अब इसके लिए हम आगे की कार्रवाई करेंगे.
वाराणसी:

बनारस (Banaras) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रत्याशी का जिला पंचायत में पर्चा निरस्त हो गया जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी का पर्चा मंजूर हो गया. इसे लेकर समाजवादी पार्टी ने जिला अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सूबे की सरकार के इशारे पर जबरजस्ती यह किया गया और रात में 11:30 बजे इसे जारी किया गया. सपा के नेता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि अब इसके लिए हम आगे की कार्रवाई करेंगे. बता दें कि देर रात बनारस के जिलाधिकारी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के नामांकन को लेकर यह वक्तव्य जारी किया.

यूपी में बीजेपी के 16 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए, सपा ने 11 जिलाध्यक्ष किए बर्खास्त

वाराणसी ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद पर दो प्रत्याशियों चंदा यादव और पूनम मौर्या द्वारा 2-2 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे. इनकी स्क्रूटनी दोपहर 3 बजे उसी क्रम में शुरू हुई. दोनों पक्षों ने एक दूसरे के नोटरी अधिवक्ताओं की वैद्यता के बारे में लिखित आपत्ति दाखिल की. दोनों द्वारा जवाब देने के लिए 2-2 घंटे का लिखित टाइम मांगा था जो उनको दिया गया. शाम 6:30 बजे दोबारा स्क्रूटनी शुरू हुई जिसमें दोनों प्रत्यशियों ने अपना-अपना पक्ष रखा. 

पूरी स्क्रूटनी के के बाद पूनम मौर्या का एक नामांकन पत्र अस्वीकृत हुआ और एक स्वीकृत हुआ. जबकि चंदा यादव के दोनों नामांकन पत्र अस्वीकृत हुए. इस प्रकार विधिवत रूप से एक ही प्रत्याशी पूनम मौर्या का नामांकन वैद्य पाया गया. इसे लेकर सपा ने जिला अधिकारी प्रशासन पर आरोप लगाये. 

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वहीं, यूपी के पंचायत चुनावों में बीजेपी के 16 ज़िला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिए गए हैं. जबकि समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार ने पुलिस के ज़रिये उसके ज़िला पंचायत उम्मीदवारों को अपहृत और बंधक बना लिया और उन्हें नामांकन नहीं भरने दिया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इनमें से 11 जिलों के पार्टी अध्यक्षों को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है.समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को गोरखपुर में नॉमिनेशन केंद्र पर धक्कामुक्की का एक वीडियो ट्वीट किया.

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उन्होंने कहा, "गोरखपुर व अन्य जगह बीजेपी सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है.यह हारी हुई बीजेपी का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है. बीजेपी जितने पंचायत अध्यक्ष बनाएगी, जनता विधानसभा में उतनी सीट भी नहीं देगी. जिस गोरखपुर का वीडियो अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, वहां उन्होंने जितेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया था. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि आज जब जितेंद्र यादव अपना पर्चा दाखिल करने जा रहे थे तब पुलिस ने उन्हें ज़बरदस्ती रोक लिया और पर्चा नहीं दाखिल नहीं करने  दिया. इससे वहां बीजेपी की साधना सिंह निर्विरोध चुनाव जीत गईं.

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