अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं. सरकार की तरफ से चल रही तैयारियों को लेकर एनडीटीवी ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) से बात की है. केशव प्रसाद मौर्य लंबे समय से मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. NDTV से बात करते हुए मौर्य ने कहा कि साल 1983 से ही मैं इस आंदोलन से जुड़ा रहा हूं.
राम द्रोही सरकार को जनता ने उखाड़ फेंका है
मंदिर आंदोलन को याद करते हुए यूपी के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 1990 में राम भक्तों पर हुए गोलीकांड के बाद धीरे-धीरे जनता ने राम द्रोही सरकार को उखाड़ फेंका. लंबे संघर्ष के बाद 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा को गिराया गया. उन्होंने कहा कि मैं अपने आप को सौभाग्य वाला मानता हूं कि मैं इस पूरे आंदोलन का हिस्सा रहा हूं. लेकिन यह सबकुछ हनुमान जी की कृपा है. बजरंगबली ही सबकुछ करवा रहे थे.
"जो कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं उन्हें देश देख रहा है"
विपक्षी राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक रोग के शिकार हैं उन्हें भगवान राम के प्रति लोगों की आस्था समझ नहीं आएगी. वो हर चीज को राजनीतिक चश्मे से ही इसे देखेगा. मैं तो उनसे बस इतना कहूंगा कि जिन्हें भी निमंत्रण मिला है उन्हें इस कार्यक्रम में जरूर आना चाहिए. जो 22 जनवरी को आने से बच रहे हैं उन्हें देश देख रहा है और समझ रहा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जो लोग प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं क्या इफ्तार के निमंत्रण को भी इसी तरह से ठुकरा देते?
निमंत्रण पत्र बीजेपी नहीं भेज रही है
उन्होंने कहा कि एक बात साफ कर दूं कि यह निमंत्रण पत्र बीजेपी और उसकी सरकार की तरफ से नहीं भेजी गयी है. कोई एक आदमी भी नहीं कह सकता कि उसे निमंत्रण पत्र बीजेपी की तरफ से आया है. विपक्षी दल तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कार्यक्रम में नहीं आ रहे हैं. बीजेपी के लिए यह आस्था की बात है विपक्षी दल इसे वोट बैंक बना रहे हैं. विपक्षी दल कार्यक्रम में नहीं आकर गलती कर रहे हैं.
हिंदुओं के भगवान हैं और मुसलमानों के पूर्वज हैं श्रीराम
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि एक बात में साफ कर दूं कि भगवान श्रीराम हिंदुओं के भगवान हैं और मुसलमानों के पूर्वज हैं. इसे अलग-अलग कर के इसे देखने की जरूरत नहीं हैं. इसे अलग-अलग कर के देखने की जरूरत नहीं है. देश में लोग एकजुट हैं.
मस्जिद कब बनेगा?
मस्जिद के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर या मस्जिद सरकार की तरफ से नहीं बनाए जा रहे हैं. जिस ट्रस्ट को बनाना था उसने बनाकर दिखा दिया है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप चाहेंगे कि मस्जिद भी बने तो उन्होंने कहा कि यह मेरा काम नहीं है. मैं राम भक्त हूं. मुझे बस इस बात का गर्व है कि मैं मंदिर आंदोलन में शामिल रहा हूं.
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