ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ुखाना के अंदर मिले कथित 'शिवलिंग' की पूजा की मांग करने वाली याचिका पर वाराणसी की एक फास्ट ट्रैक अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी. ये फैसला दोपहर 12:00 से 3:00 के बीच आ सकता है. दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि वज़ुखाना के अंदर पाई गई संरचना 'शिवलिंग' है. ऐसे में इसकी पूजा करनी की अनुमति दी जाए. सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट वादी द्वारा तीन मुख्य मांगों पर अपना फैसला सुनाएगा. जिसमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की प्रार्थना की तत्काल अनुमति, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपना, और परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. बता दें मुस्लिम पक्ष को वर्तमान में नमाज़ अदा करने की अनुमति है.
अक्टूबर में हुई पिछली सुनवाई के दौरान, वाराणसी की अदालत ने कथित 'शिवलिंग' की 'वैज्ञानिक जांच' की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. हिंदू पक्ष ने उस संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ुखाना के अंदर पाया गया एक शिवलिंग है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक 'फव्वारा' है.हिंदू पक्ष ने 22 सितंबर को वाराणसी जिला न्यायालय में एक याचिका दायर कर शिवलिंग होने का दावा करने वाली वस्तु की कार्बन डेटिंग की मांग की थी.
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सुप्रीम कोर्ट के 17 मई के आदेश का जिक्र करते हुए वाराणसी कोर्ट ने कहा था कि ''अगर सैंपल लेने से कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचता है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.'' वाराणसी कोर्ट ने कहा था, 'अगर शिवलिंग को नुकसान पहुंचता है तो आम जनता की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो सकती हैं.
हिंदू पक्ष ने कहा है कि वे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित 'शिवलिंग' की 'वैज्ञानिक जांच' की अनुमति देने से इनकार करने वाले वाराणसी अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.