उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav)पर जमकर हमला बोला. CM योगी ने सपा के वरिष्ठ विधायक माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने पर बधाई दी. योगी ने इस दौरान कटाक्ष भरे लहजे में कहा, "चाचा हर बार गच्चा खा जाते हैं."
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "माता प्रसाद पांडेय जी, आपको बधाई देता हूं. ये बात अलग है कि आपने चाचा को ही गच्चा दे दिया." आदित्यनाथ का इशारा अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की तरफ था, जो माता प्रसाद के बगल में ही बैठे थे. सीएम योगी ने कहा, "चाचा हर बार ऐसे ही गच्चा खा जाते हैं. ये उनकी नियति है. भतीजा हमेशा डरे हुए रहते हैं."
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शिवपाल यादव ने सदन में दिया जवाब
योगी की बात सुनकर शिवपाल यादव मुस्कुराते दिखे. फिर अपनी बारी आने पर उन्होंने सीएम योगी को जवाब दिया. शिवपाल यादव ने कहा, "मैंने कोई गच्चा नहीं खाया है. पंडित जी (माता प्रसाद पांडेय) बहुत सीनियर हैं. मैं पहले पीछे बैठता था. फिर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिली, तो बगल में आ गए. मैं तीन साल तक आपके संपर्क में रहा. गच्चा तो आपने दिया है." शिवपाल के इस बयान पर विधानसभा में ठहाके भी लगे.
2027 में सपा उधर बैठेगी
शिवपाल यादव ने इस दौरान लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "आपने मुझे धोखा दिया, आप इस चुनाव में पिछड़ गए और समाजवादी पार्टी आगे निकल गई. मेरे शब्दों पर गौर करें. 2027 में जब यूपी विधानसभा के चुनाव होंगे, तो समाजवादी पार्टी उधर बैठेगी. आपका डिप्टी सीएम ही आपको धोखा देगा."
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शिवपाल यादव का इशारा यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की तरफ था. हाल के दिनों में केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के बीच तल्खियां सामने आई थी. बीते दिनों मौर्य ने नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी.
तीन दशकों तक विधायक के रूप में किया काम
दिवंगत मुलायम सिंह यादव के सबसे छोटे भाई शिवपाल यादव ने करीब तीन दशकों तक विधायक के रूप में काम किया है. वह राज्य मंत्री और विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं. वह अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. 2017 के आसपास जब अखिलेश यादव राजनीतिक रूप से मैच्योर हो रहे थे और समाजवादी पार्टी की कमान संभाल रहे थे, तब शिवपाल यादव ने पार्टी छोड़ दी. अखिलेश से मनमुटाव के बाद शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की स्थापना की.
2022 में दोबारा सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव
इसके बाद 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच मतभेद दूर हुए. शिवपाल यादव यादव दोबारा सपा में शामिल हो गए और अपनी पार्टी का विलय भी कर लिया. लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने चाचा को बदायूं सीट से टिकट दिया था, लेकिन शिवपाल ने अपनी जगह बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़वाया था.
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