UP bypolls :यूपी के लोकसभा उपचुनाव में रामपुर के बाद आजमगढ़ सीट पर भी समाजवादी पार्टी को हार का सामना करनापड़ा है. यहां से बीजेपी नेता और भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) ने जीत दर्ज की है. निरहुआ ने आजमगढ़ में BJP की विजय पताका फहराई है. वहीं सपा अपना किला भी बचा नहीं सकी. निरहुआ ने कहा, आजमगढ़ से उनकी जीत यूपी की योगी सरकार की सुशासन की जीत है. यहां लगातार राशन बंट रहा है. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ चुनाव में आखिरी बॉल तक मैच चला और जनता ने तय किया है कि यहां कमल खिला. फिल्म स्टारों के चुनाव जीतने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान न दिए जाने के सवाल पर निरहुआ ने कहा कि इसके लिए वो पूरी तैयारी करके आए हैं. उन्होंने 12 फिल्में तैयार कर ली हैं, जो अगले दो सालों तक रिलीज होती रहेंगी और निरहुआ को आजमगढ़ से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
गौरतलब है कि बीजेपी ने आजमगढ़ के अलावा रामपुर सीट भी जीती है, जहां पार्टी के घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम रजा को 41 हजार के करीब वोटों से हराया. रामपुर सपा नेता आजम खां का गढ़ माना जाता है औऱ उनके इस्तीफे के बाद ही यहां लोकसभा उपचुनाव कराया गया था.
समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ सीट से धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा था, जो सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं. आजमगढ़ में मुस्लिम और यादवों का वोट 50 फीसदी के करीब है औऱ इसे लंबे समय से सपा के लिए बेहद सुरक्षित सीट माना जाता है. खुद आजमगढ़ से 2014 में पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव चुनाव जीत चुके हैं. निरहुआ ने 2019 में अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
आजमगढ़ लोकसभा चुनाव के इतिहास में लंबे समय से कांग्रेस, सपा-बसपा का ही कब्जा रहा है. बीजेपी को इससे पहले एक बार और 2009 में जीत मिली थी, जो बाहुबली नेता रमाकांत यादव ने दिलाई थी. 2009 में रमाकांत यादव यहां से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन सपा ने अपना गढ़ पाने के लिए वर्ष 2014 में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव खुद यहां से चुनावी अखाड़े में कूदे. देश भर में चल रही मोदी लहर के बीच रमाकांत यादव के मुकाबले मुलायम सिंह यादव ने बेहद मामूली अंतर से चुनाव में जीत हासिल की. वर्ष 2019 में अखिलेश यादव ने यहां समाजवादी पार्टी को दोबारा जीत दिलाई. वर्ष 2022 में दिनेश लाल यादव निरहुआ ने यहां अपनी बीजेपी को दूसरी बार जीत दिलाई.