सीट की सियासत: यूपी की खैर सीट पर अखिलेश के दांव से दिलचस्‍प हुआ मुकाबला, जानिए जातीय समीकरण

UP BY election: खैर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने चारू कैन को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबला दिलचस्‍प कर दिया है. ऐसे में खैर विधानसभा सीट इस बार किसकी किस्मत का ताला खोलेगी, ये कह पाना बेहद मुश्किल है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
खैर विधानसभा सीट पर कुल छह प्रत्याशियों ने नामांकन किया है.
खैर:

उत्तर प्रदेश में व‍िधानसभा के नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनावी दंगल तैयार हो गया है. इनमें से एक खैर विधानसभा सीट भी है, जिसे लेकर काफी चर्चा हो रही है. खैर, अलीगढ़ क्षेत्र की विधानसभा सीट है. अलीगढ़ तालों के लिए देश-दुनिया में मशहूर है. खैर सीट इस बार किसकी किस्मत का ताला खोलेगी और किसकी किस्मत की चाभी अटक जाएगी, ये 13 नवंबर को तय होने वाला है. यूपी की 9 विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा, जबकि परिणाम 23 नवंबर को आएंगे. इसके लिए सभी दलों ने अपने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. कांग्रेस इस उपचुनाव में भाग नहीं ले रही है. वह समाजवादी पार्टी के समर्थन का ऐलान कर चुकी है. आइए जानते हैं इस सुरक्षित सीट पर इस बार क्या है माहौल... कौन कौन मैदान में है? क्या हैं चुनावी समीकरण और जनता इस उप-चुनाव को लेकर क्या सोचती है...

किस्मत का ताला खुलवाने के लिए खैर विधानसभा सीट पर ज़ोर-आजमाइश शुरू हो चुकी है. लगातार दो बार से बीजेपी विधायक और योगी सरकार में मंत्री रहे अनूप वाल्मीकि प्रधान के हाथरस से सांसद बनने की वजह से खाली हुई खैर सीट पर उप-चुनाव हो रहा है. जाट लैंड कहे जाने वाले खैर में यूं तो आज तक सपा का खाता तक नहीं खुला, लेकिन अखिलेश यादव के दांव की इस बार जमकर चर्चा हो रही है.

चर्चा क्यों हो रही, ये जानने से पहले जान लेते हैं कि आख़िर खैर सीट पर इस बार दावेदार कौन-कौन हैं.

Advertisement
  • खैर विधानसभा सीट पर कुल छह प्रत्याशियों ने नामांकन किया है.
  • बीजेपी ने पूर्व सांसद स्वर्गीय राजवीर सिंह दिलेर के बेटे सुरेंद्र दिलेर को प्रत्याशी बनाया है. 
  • समाजवादी पार्टी ने बीएसपी और कांग्रेस में रह चुकीं चारू कैन को उम्मीदवार घोषित किया है.
  • बीएसपी ने पहल सिंह को खैर से चुनावी मैदान में उतारा है. 
  • आजाद समाज पार्टी से नितिन कुमार चोटेल को खैर से टिकट दिया है. 
  • वहीं, निर्दलीय के तौर पर भूपेंद्र कुमार धनगर और विपिन कुमार मैदान में हैं.

खैर सीट का जातीय समीकरण 

खैर की लड़ाई समझने के लिए यहां का जातीय समीकरण समझना भी बेहद ज़रूरी है. दरअसल… खैर में कुल मतदाताओं की संख्या 4 लाख 4 हज़ार के क़रीब हैं. इनमें सवा लाख के क़रीब जाट वोटर्स हैं, जो जीत और हार में बड़े फैक्टर माने जाते हैं. इसके अलावा ⁠90 हज़ार के आसपास ब्राह्मण, दलित 50 हज़ार के क़रीब, मुस्लिम आबादी लगभग 40 हज़ार, वैश्य लगभग 25 हज़ार और बाक़ी अन्य जातियों के वोटर हैं.

Advertisement

खैर में अखिलेश का दांव क्‍या आए काम? 

समाजवादी पार्टी भले कभी इस जाट लैंड में जीत हासिल ना कर पाई हो, लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग से आने वालीं चारू कैन को टिकट देकर एक तीर से तीन निशाने साधने की कोशिश अखिलेश यादव ने की है. दरअसल, चारू कैन एससी वर्ग से आती हैं, उनके पति जाट हैं और चारू महिला हैं यानी दलित, जाट और महिला कार्ड खेलकर सपा ने बीजेपी का खेल बिगाड़ने की चाल चली है. चारू कैन 2022 में बीएसपी के टिकट पर खैर से चुनाव लड़ कर दूसरे नंबर पर रही थीं. टिकट मिलने से पहले उन्होंने बीएसपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया और अचानक सपा में आकर वो प्रत्याशी बन गईं. हालांकि, दिलेर परिवार की तीसरी पीढ़ी के सुरेंद्र दिलेर को मैदान में उतारकर बीजेपी ने भी मज़बूत चाल चली है.

Advertisement

जाट लैंड कही जाने वाली खैर सुरक्षित सीट पर बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश में है, वहीं सपा पहली जीत की आस में और बीएसपी मुकाबला को त्रिकोणीय बनाकर अपना 22 साल पहले खैर जीतने का इतिहास दोहराने की कोशिश में है. हालांकि, तय तो जनता ही करेगी, क्योंकि लोकतंत्र में वही जनार्दन है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Banke Bihari Corridor: वृंदावन में आमने-सामने क्यों है सरकार और पुजारी? | NDTV Ground Report