योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) के पांचवें चरण से पहले कहा है कि उसने राज्य भर में आवारा पशुओं के संरक्षण के मुद्दे पर "उल्लेखनीय काम" किया है. यूपी चुनाव में इस बार यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपनी चुनावी रैलियों में इस पर बात करने को मजबूर कर दिया.
यूपी सरकार ने कल (शनिवार, 26 फरवरी) शाम सूचना विभाग के एक समूह पर जारी बयान में कहा, "राज्य सरकार और राज्य की जनता मवेशियों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से संवेदनशील है और राज्य सरकार ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है जिसके कारण लंबे समय से लंबित समस्या का समाधान किया गया है. यह सूचित करना उचित है कि निराश्रित गोवंश बहुत कम पशुओं को छोड़कर सड़क और कृषि क्षेत्र में इधर-उधर नहीं भटक रहे हैं."
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सरकार का यह बयान राज्य में पांचवें चरण की वोटिंग से ऐन पहले आया है. उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशी किसानों के लिए एक खतरा बने हुए हैं. हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां वे खेतों में घुसकर फसलों को नष्ट कर देते हैं. हैं.
एनडीटीवी के पत्रकारों सहित जमीनी स्तर की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ये समस्या किसानों को अपने खेतों को कंटीले तारों से घेरने और अपनी फसलों की रक्षा के लिए रातों की नींद हराम करने के लिए मजबूर कर रही है.
पिछले हफ्ते एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता बरकरार रखती है तो ये समस्या हल हो जाएगी. उन्होंने कहा था, 'आवारा पशुओं के कारण आप लोगों को जो परेशानी हो रही है, उससे निपटने के लिए 10 मार्च के बाद एक नई व्यवस्था बनाई जाएगी. ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा कि आप दूध न देने वाले जानवर के गोबर से कमाई कर सकें.'
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