यूपी में प्रशासन ने मंदिरों और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई तेज कर दी है. यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने सभी थाना प्रभारियों से अवैध लाउडस्पीकर हटाने के संबंध में 30 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है. इस मामले में अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि लोग स्वेच्छा से लाउडस्पीकर उतार रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नफरत भरे भाषण देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एडीजी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई भी पर्व-त्योहार हो, उसको परंपरागत तरीके से मनाए जाने के बारे में पूरी व्यवस्था की जाती है और ये सुनिश्चित कराया जाता है की कोई नई परंपरा न चालू हो. जो चीजें हमारे फेस्टिवल रजिस्टर में अंकित हैं. प्रशासन बहुत पहले से ही तैयारी करता है और मॉनिटरिंग करता है. इस वजह से सभी धर्मों के त्योहार अच्छे से संपन्न होते हैं. हम लोगों का एक अपना डिजिटल वॉलेंटियर का ग्रुप है, जिसके हिसाब से सूचनाओं का सही समय पर रियल टाइम आदान- प्रदान होता है, जिससे कि कोई भी अगर घटना घटित करना चाहता है या कोई बात होती है तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को मिलती है. जहां तक लाउडस्पीकर इत्यादि का प्रश्न है, इस संबंध में माननीय हाईकोर्ट के आदेश हैं कि जिस परिसर के लिए वह बजाया जा रहा है आवाज वहीं तक रहे. हमने सभी धर्मगुरुओं से मिलके इस पर बात की है.
उन्होंने कहा कि हम लगभग 40000 धर्मगुरुओं के संपर्क में हैं. 17 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी हो गई है. सैकड़ों जगह से लाउडस्पीकर उतारे गए हैं . नफ़रत भरे भाषण देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं करने दी जाएगी. अराजक तत्वों पर सख़्त कार्यवाही होगी. सीतापुर में नफ़रती भाषण देने वाले पर हमने सख़्त कार्यवाही की है. यूपी में शांति व्यवस्था बनाए रखने पर पूरा ज़ोर है.
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