उन्नाव बलात्कार कांड: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दी अंतरिम जमानत

सेंगर पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में भी हिरासत में है. उस मामले में दस साल की जेल की सजा को निलंबित करने की अनुरोध संबंधी उसकी याचिका दूसरी पीठ के समक्ष लंबित है. सेंगर को स्वास्थ्य के आधार पर दिसंबर 2024 में दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसे बाद में एक और महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2017 के उन्नाव बलात्कार मामले में भाजपा के निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी. न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कहा कि इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर को 23 जनवरी को रिहा किया जाए, ताकि अगले दिन एम्स में उसकी मोतियाबिंद की सर्जरी हो सके.

पीठ ने आरोपी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद 27 जनवरी तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि 24 जनवरी को सर्जरी नहीं होती है तो सेंगर को उसी शाम आत्मसमर्पण कर देना चाहिए.

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ हम अपीलकर्ता की सजा को निलंबित करते हैं. उसे रिहा होने पर 27 जनवरी पूर्वाह्न 12 बजे तक जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा.''

सेंगर पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में भी हिरासत में है. उस मामले में दस साल की जेल की सजा को निलंबित करने की अनुरोध संबंधी उसकी याचिका दूसरी पीठ के समक्ष लंबित है. सेंगर को स्वास्थ्य के आधार पर दिसंबर 2024 में दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसे बाद में एक और महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.

हालांकि, उच्च न्यायालय ने 20 जनवरी को अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया, जिस दिन उसे आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि न्यायालय ने पाया कि इस अवधि बढ़ाने से संबंधित आवेदन की प्रति पीड़िता को नहीं दी गयी थी.

बुधवार को सेंगर के वरिष्ठ वकील ने इस आधार पर 30 दिनों के लिए अंतरिम जमानत मांगी कि उसे एम्स में मोतियाबिंद की सर्जरी कराने की सलाह दी गई है और उसे 24 जनवरी को भर्ती होना है - सीबीआई ने इस दावे की पुष्टि की है.

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पीड़िता के वकील ने याचिका का विरोध किया और तर्क दिया कि सेंगर को अंतहीन रूप से अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि पीड़िता एवं उसके परिवार को आरोपियों की ओर से खतरा है.

अदालत ने सेंगर को राहत प्रदान हुए कहा कि वर्तमान में उसपर किसी भी नियम व शर्त के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं है, जब उसे पहले अंतरिम जमानत दी गई थी. नाबालिग लड़की को 2017 में सेंगर ने कथित तौर पर अगवा कर लिया था और उसके साथ बलात्कार किया था.
 

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