केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 'केंद्रीय जांच ब्यूरो बनाम कुलदीप सिंह सेंगर' मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी की सजा निलंबित करने और उसे जमानत देने के आदेश को चुनौती देते हुए 26 दिसंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है.
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर 2025 को कुलदीप सिंह सेंगर की अपील के निपटारे तक उसकी सजा को निलंबित करने और कुछ शर्तों के साथ जमानत देने का आदेश जारी किया था, जिसका सीबीआई और पीड़िता के वकीलों ने कड़ा विरोध किया था.
उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में अधीनस्थ अदालत ने बलात्कार के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. इस फैसले के खिलाफ सेंगर ने जनवरी 2020 में दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी और मार्च 2022 में सजा के निलंबन हेतु याचिका लगाई थी.
हालांकि, उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बावजूद आरोपी अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि उसे सीबीआई द्वारा दर्ज एक अन्य हत्या के मामले में 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है. दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का विस्तृत अध्ययन करने के बाद, सीबीआई ने अब सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है ताकि न्याय की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा सके.
सेंगर ने 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था. उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त 2019 के निर्देश के आधार पर बलात्कार और अन्य संबंधित मामले उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिए गए थे. वहीं, पीड़िता ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगी. पीड़िता ने दुख जताते हुए कहा, “जिनके पास पैसा होता है, वे जीतते हैं और जिनके पास पैसा नहीं होता, वे हार जाते हैं.”














