- केंद्र सरकार संसद में तीन विधेयक पेश करने जा रही है.
- कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये विधेयक विपक्षी सीएम को मनमाने गिरफ्तारी के बाद पद से हटाने के लिए लाए जा रहे हैं
- कांग्रेस ने कहा कि विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी बिना दिशानिर्देश के अनुचित और राजनीतिक उद्देश्य से की जा रही है
केंद्र सरकार आज संसद में तीन विधेयक लाने की तैयारी में है. इन विधेयकों में केंद्र शासित संसोधन विधेयक और संविधान का 130वां संशोधन विधेयक बेहद खास माना जा रहा है. इन विधेयक की मदद से पीएम से लेकर प्रदेशों के सीएम और किसी भी मंत्री को आपराधिक आरोपों की वजह से पद से हटाने का अधिकार होगा. इन विधेयकों को आज संसद में पेश किया जाना है लेकिन कांग्रेस इनके पेश होने से पहले ही इन विधेयकों का विरोध करना शुरू कर चुकी है.
क्या है केंद्र शासित संशोधन विधेयक
आपको बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन विधेयक, 2025 के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, केंद्र शासित अधिनियम, 1963 (1963 का 20) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं, जिसके तहत सीएम या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत के बाद हटाया जा सके. यही वजह है कि इस कानून की धारा 45 में संसोधन कर ऐसी स्थिति के लिए कानूनी प्रावधान करना जरूरी है. ये विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है.
संविधान का 130वां संशोधन क्या है
अब बात करते हैं संविधान के 130वें संशोधन की. इसके तहत संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों में कहा गया है कि संविधान में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी मंत्री को गंभीर आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में हटाया जा सके. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239एए में संसोधन कर पीएम या केंद्रीय मंत्री और राज्यों व दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का प्रावधान जोड़ना जरूरी है. साथ ही नए प्रावधानों के तहत यदि कोई मंत्री, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या राज्यों को मंत्री शामिल हैं, को पांच साल या उससे अधिक की अवधि की सजा वाले अपराध के लिए लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो उसे पद से हटाया जा सकता है.