Z मोड़ टनल बस नजराना, गडकरी ने बताया कैसे ये 4 प्रोजेक्ट कर देंगे कश्मीर का कायाकल्प, चीन भी होगा बेचैन

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि हम जम्मू से श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर बना रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
श्रीनगर:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने लोगों को कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हो रहे कई कामों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि 2012 में शुरू हुए निर्माण कार्य के पूरा होने और आज शुरू होने को लेकर जम्मू-कश्मीर के लिए ये दिन बेहद महत्वपूर्ण है. हम यहां के विकास के लिए और भी बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.

नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि जेड-मोड़ सुरंग के साथ ही जोड़कर हम जोजिला टनल बना रहे हैं. जो 14 किलोमीटर है और 18 किलोमीटर उसका एप्रोच रोड है. उसे तैयार करने में 6800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है, जब हमने पांचवीं बार इसका टेंडर निकाला था, तो उस समय हमने इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये तय की थी, लेकिन अब हम केवल 6800 करोड़ में बनाकर इसे तैयार करने जा रहे हैं. यानी इसमें हमने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बचत की.

उन्होंने कहा कि इस टनल को लेकर हमने एक साल तक स्टडी किया. ये एशिया की सबसे ऊंचाई में बन रही टलन है. इसके बनने से श्रीनगर से लेह पहुंचने में अब साढ़े तीन घंटे कम समय लगेगा. ये ऑल सीजन कनेक्टेड रोड है.

सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि हम जम्मू से श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर बना रहे हैं.

श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर का निर्माण

पहला कॉरिडोर - जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग
पहला कॉरिडोर जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग है, जो 16 हजार करोड़ की लागत का है, जो 250 किलोमीटर का है. उम्मीद है कि इसी साल दिसंबर तक उसका काम पूरा कर लिया जाएगा. इस कॉरिडोर में हमें 33 टनल बनाने हैं, इसमें 15 टनल हमने बना लिया है. इसके पूरा होने से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी कम होगी और यात्रा के पांच घंटे भी बचेंगे.  

दूसरा कॉरिडोर - जम्मू से अनंतनाग मार्ग
दूसरा कॉरिडोर जम्मू से अनंतनाग मार्ग है, जो 202 किलोमीटर का है और इस पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे भी हम दिसंबर 2025 तक पूरा करेंगे. इस मार्ग में 5 टनल बनाने से 68 किलोमीटर की दूरी कम होगी. 

Advertisement

तीसरा कॉरिडोर - सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी
वहीं तीसरा कॉरिडोर सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी है. 303 किलोमीटर की ये परियोजना 10 हजार करोड़ की है. इसे हम 2027 तक पूरा कर लेंगे. इससे सूरनकोट से पूंछ और राजौरी के लोगों को श्रीनगर से आना-जाना सुगम होगा और जम्मू से बारामुला तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. इसके 197 किलोमीटर का डीपीआर शुरू हो गया है और जल्दी हम इस पर काम भी शुरू करेंगे.

चौथे कॉरिडोर - जम्मू से अखनूर-सूरनकोट-पुंछ
चौथे कॉरिडोर जम्मू से अखनूर, सूरनकोट, पुंछ ये सभी जम्मू-कश्मीर की लाइफ लाइन है. 203 किलोमीटर की ये सड़क 5 हजार करोड़ की है. इसका भी डीपीआर का काम शुरू हो गया है और जल्द ही पूरा कर हम इस काम को भी शुरू करेंगे. इसमें जम्मू से पुंछ तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. नौशेरा और राजौरी के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.

Advertisement

गडकरी ने कहा कि बाद में रफियाबाद-कुपवाड़ा-चामरोड ये ढ़ाई हजार करोड़ की 120 किलोमीटर की सड़क, इसका भी काम दिसंबर 2027 तक पूरा करेंगे. ये मार्ग नॉर्थ-वेस्ट कश्मीर पाकिस्तान सीमा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 51 किलोमीटर का ये मार्ग दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा. 

नितीन गडकरी ने बताया कि एक और कॉरिडोर बेहद महत्वपूर्ण है. ये कठुआ-बसोली-भद्रवा-टोडा कॉरिडोर 30400 करोड़ रुपये की लागत का 250 किलोमीटर का फोर लेन मार्ग है. इसका डीपीआर बनना शुरू हो गया है. इस कार्य का शुभारंभ इसी साल शुरू होने की उम्मीद है. इससे पंजाब से श्रीनगर जाने वाले लोग सीधे कठुआ से श्रीनगर जा सकते हैं. 

Advertisement

श्रीनगर के लिए 104 किलोमीटर के फोरलेन रिंगरोड की भी मंजूरी

उन्होंने कहा कि हमने श्रीनगर के लिए 104 किलोमीटर का फोरलेन रिंगरोड भी मंजूर किया है, जो 7200 करोड़ की लागत का है. इसे इसी साल दिसंबर में पूरा कर लेंगे. हम जम्मू के लिए भी रिंगरोड का निर्माण कर रहे हैं.

गडकरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को सुखी, संपन्न और समृद्ध बनाना है. यहां उद्योग-धंधे आने चाहिए और यहां के युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए और यहां की गरीबी दूर होनी चाहिए. इसी उद्देश्य से यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने का प्रयास किए जा रहे हैं.

Advertisement

परिवहन मंत्री ने कहा कि जेड-मोड़ सुरंग परियोजना में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया. ये सुरंग श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग पर स्थित है, जो जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिहाज से बेहद अहम है. इसके खुलने से इस मार्ग पर सभी मौसमों में यातायात की सुविधा होगी और पहले की तरह सर्दियों में बंद होने वाली सड़क साल भर खुली रहेगी.

जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,716.90 करोड़ खर्च

जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,716.90 करोड़ रुपये की लागत आई है. मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच बनाई गई इस दो लेन वाली सुरंग में आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा निकासी मार्ग भी है. यह सुरंग दो दिशाओं के यातायात के लिए होगी. समुद्र तल से 8,650 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन वाले मार्गों से अलग लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी.

जोजिला सुरंग के साथ, जेड-मोड़ सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच की दूरी को 49 किलोमीटर से घटाकर 43 किलोमीटर कर देगी और वाहन 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की जगह 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे. जोजिला सुरंग के निर्माण को 2028 में पूरा करने का लक्ष्य है.

सुरंग के निर्माण से आर्थिक विकास और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा

इस निर्माण कार्य से बेहतर संपर्क, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में आर्थिक विकास और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा. सुरंग के निर्माण से सोनमर्ग क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. सोनमर्ग, जो पहले सर्दियों में यातायात की बाधाओं का सामना करता था, अब पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है.

जेड-मोड़ सुरंग पर काम मई 2015 में शुरू हुआ था और इसके 2016-17 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई थी. हालांकि, इसका काम लगभग एक दशक में पूरा हो पाया. ऐसा इसलिए क्योंकि इस परियोजना को क्रियान्वित करने वाली प्रारंभिक कंपनी ‘इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज' ने वित्तीय संकट के चलते 2018 में इसका काम बंद कर दिया था.

2012 में रखी गई थी जेड-मोड़ सुरंग की आधारशिला

इस परियोजना की आधारशिला अक्टूबर 2012 में तत्कालीन परिवहन मंत्री सी.पी. जोशी ने अपने तत्कालीन कैबिनेट सहयोगी फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में रखी थी. इसके लिए 2019 में फिर से संविदा आमंत्रित की गई और जनवरी 2020 में सबसे कम बोली लगाने वाली ‘एपीसीओ इंफ्राटेक' को इस परियोजना का काम सौंपा गया.

Featured Video Of The Day
Bachpan Manao: आइए मकर संक्रांति के साथ उड़ान भरें! | Makar Sankranti 2025