केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ( Mukhtar Abbas Naqvi) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि देश में वर्षों तक लागू रही हज सब्सिडी एक राजनीतिक छल थी, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार में इस सब्सिडी को खत्म करने के बावजूद हजयात्रियों को कम हवाई किराया अदा करना पड़ रहा है. उन्होंने लोकसभा में बसपा सांसद कुंवर दानिश अली और कांग्रेस सदस्य अब्दुल खालिक के पूरक प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह टिप्पणी की. नकवी ने कहा, ‘‘हज सब्सिडी एक राजनीति छल थी जो बहुत लंबे समय से चली आ रही थी.
नगालैंड पर संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- गलत पहचान की वजह से हुई फायरिंग
सब्सिडी रहने के समय जब कोई व्यक्ति श्रीनगर से हज यात्रा पर जाता था तो उसे 1.97 लाख रुपये देना पड़ता था, लेकिन सब्सिडी खत्म करने के बाद हज यात्री को अब 86 हजार रुपये देना पड़ता है. इसी तरह दूसरे शहरों से जाने में भी भी किराये और दूसरे खर्चों में कमी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नेकनीयत का नतीजा है.''
तमिलनाडु हेलीकॉप्टर हादसे की Tri-Services जांच की जाएगी: संसद में रक्षा मंत्री
उन्होंने सदन को बताया कि हज सब्सिडी खत्म करने से किराया बढ़ा नहीं, बल्कि घटा है. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो साल से हज यात्रा नहीं हुई है. इस बार भी सऊदी अरब सरकार के प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देश के मुताबिक कोई कदम उठाया जाएगा.'' मंत्री ने हज यात्रियों के ‘प्रस्थान स्थलों' (इम्बार्केशन प्वाइंट्स) की संख्या बढ़ाने के सवाल पर कहा कि सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक ही आगे कोई कदम उठाया जाएगा. भारतीय हज समिति के पुनर्गठन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा विषय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए वह फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
CDS जनरल बिपिन रावत को लोकसभा में दी श्रद्धांजलि, सैन्य सम्मान से सभी का होगा अंतिम संस्कार