केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आज कहा कि हम पांच साल में दुनिया के नंबर वन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग (Automobile Manufacturing) हब बनेंगे. उन्होंने कहा कि 16 लाख करोड़ निर्मला जी (निर्मला सीतारमण) ने प्रायरिटी सेक्टर के लिए अलॉट किया है जो डेयरी, फिशरीज और एग्रीकल्चर के लिए है. एक लाख करोड़ का इन्फ्रा हम एग्रीकल्चर में बना रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज, प्रिकूलिंग प्लांट के लिए. एग्रीकल्चर को हमने प्रायरिटी दी है. गडकरी ने कहा कि लिथियम बैटरी के अल्टरनेटिव पर भी काम कर रहे हैं. अगले हफ्ते बैठक है.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में 20 साल पुराने कुल एक करोड़ वाहन हैं. नया व्हीकल नई टेक्नोलॉजी का आएगा जिसमें तमाम सेफ्टी नॉर्म्स हैं. ये रोड सेफ्टी के लिए अच्छा है. इससे फ्यूल की खपत कम होगी, प्रदूषण कम करेगा. ट्रक वालों के लिए जो मेंटनेंस कॉस्ट लगती थी वो नहीं लगेगी. डिटेल में इस पॉलिसी की घोषणा 15 दिनों में करेंगे.
नितिन गडकरी ने कहा कि जो स्क्रैप होगा उससे एलुमिनियम, कॉपर, स्टील, रबर, प्लास्टिक रिसाइकिल होगा तो हमारे कंपोनेंट जो होंगे उसमे 30-40% कॉस्ट कम होगी. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हिन्दुस्तान का टर्नओवर 4.5 लाख करोड़ का है. ये एक साल के भीतर 6 लाख करोड़ का होगा. इसमें एक लाख 45 हज़ार करोड़ एक्सपोर्ट का है. आगे ये 2.5 लाख का एक्सपोर्ट होगा.
विनिवेश (Disinvestment) पर उन्होंने कहा कि जो इकोनॉमी के लिए नॉन वायबल हैं, लॉस कर रहे हैं और सरकार को बजट से पगार देना पड़ रहा है. सरकार उसको नहीं चला सकती है. जैसे एयर इंडिया है कितना बड़ा लॉस है. उस समय की यूपीए सरकार ने 70 हज़ार करोड़ के हवाई जहाज़ खरीदे. उसकी क्या ज़रूरत थी. जिस काम में बाहर के लोग इन्वेस्ट कर सकते हैं उसमें सरकार ने क्यों पैसा लगाया? इतने बड़े लॉस में बजट का पैसा.. जनता का पैसा जा रहा है. ये पैसा बचेगा तो हैल्थ सेंटर, स्कूल के लिए, गरीबों के लिए जाएगा.