हुमायूं के मकबरे में भूमिगत संग्रहालय का उद्घाटन आज, जानिए कब से मिलेगी आपको एंट्री और क्‍या होगा खास

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हुमायूं के मकबरे में भूमिगत संग्रहालय का आज शाम उद्घाटन करेंगे. यह कल से आगंतुकों के लिए खुल जाएगा. 

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्‍ली :

दिल्ली के ऐतिहासिक हुमायूं के मकबरे (Humayun Tomb) में देश का पहला भूमिगत संग्रहालय (Underground Museum) उद्घाटन के लिए तैयार है. इसका डिजाइन मुगलकालीन शिल्‍प कला के साथ आधुनिक वास्‍तुकला का बेजोड़ संगम है. खास बात ये है कि यह उद्घाटन ऐसे वक्‍त में हो रहा है जब भारत पहली बार यूनेस्को के किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है. नई दिल्ली के भारत मंडपम में 21 से 31 जुलाई तक विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र आयोजित किया जा रहा है. 

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस नए संग्रहालय का आज शाम उद्घाटन करेंगे. उनके साथ प्रिंस रहीम आगा खान भी उपस्थित रहेंगे. यह 30 जुलाई से आगंतुकों के लिए खुल जाएगा. 

इसलिए खास है यह संग्रहालय 

दिल्‍ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित 16वीं सदी का हुमायूं का मकबरा दिल्ली में तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक है. इस संग्रहालय का डिजाइन मध्ययुगीन ‘बावली' या परंपरागत पानी के टैंक से प्रेरित है. आगा खां ट्रस्ट फॉर कल्चर (Aga Khan Trust for Culture) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से संग्रहालय का निर्माण किया है. 

एकेटीसी के मुताबिक, संग्रहालय का निर्माण विश्व धरोहर परिसर के प्रवेश क्षेत्र में किया गया है और यह निजामुद्दीन, सुंदर नर्सरी और 16वीं शताब्दी के मकबरे के तीन स्थलों के बीच एक पुल के रूप में काम करेगा. यह मुगल बादशाह हुमायूं की विरासत को प्रदर्शित करेगा, जिसमें उनके जीवन के कम ज्ञात पहलुओं और पिछली सात शताब्दियों में निजामुद्दीन क्षेत्र की विरासत शामिल है. 

10 हजार वर्गमीटर में बना है संग्रहालय 

एकेटीसी के एक शीर्ष अधिकारी ने पहले बताया था कि संग्रहालय में गैलरी, एक पुस्तकालय, सेमिनार हॉल, एक शिल्प केंद्र और एक जलपानगृह सहित अन्य चीजें शामिल होंगी. उन्होंने कहा था कि मुगल स्मारक (हुमायूं का मकबरा) का अंतिम हिस्सा, जो 2014 के तूफान में ढह गया था, इसका ‘‘केंद्र'' होगा. 

उत्तर भारत की मध्ययुगीन बावलियों (पानी के टैंकों) से प्रेरित, 10,000 वर्ग मीटर में निर्मित यह भूमिगत संग्रहालय अपने डिजाइन में मुगलकालीन शिल्प कौशल के साथ आधुनिक 21वीं सदी की वास्तुकला से मेल खाता है. 

कई शताब्दियों पुरानी चीजों से हो सकेंगे रूबरू 

इस आधुनिक म्यूजियम में हुमायूं टॉम्ब का मकबरे का असली कलस, 14वीं, 15वीं सदी के सामान, नेशनल म्यूजियम के कलेक्शन आदि यहां पर प्रदर्शित किया गया है. इसके अलावा म्यूजियम में 2500 साल में दिल्ली का इतिहास, विभिन्न कला, खगोलीय वस्तुएं, बाबर के समय से लेकर बहादुर शाह जफर तक के समय के सिक्के, बहादुर शाह जफर का सिंहासन, युद्ध में प्रयोग होने वाली वस्तुएं और हथियार आदि को लोग देख सकेंगे.

Advertisement

यहां 16वीं सदी के ऐतिहासिक मकबरे में देश के पहले भूमिगत संग्रहालय के निर्माण पर काम अप्रैल 2015 में शुरू हुआ था. पहले इसका उद्घाटन 2017 में करने की योजना थी. 

ये भी पढ़ें :

* मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका सहित सुप्रीम कोर्ट में आज होनी है इन अहम मुद्दों पर सुनवाई
* दिल्ली कोचिंग हादसा : अभिषेक गुप्ता और देशराज सिंह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए
* दिल्ली विश्वविद्यालय की 1270वीं कार्यकारी परिषद के महत्वपूर्ण निर्णय: जानें सब कुछ

Advertisement
Featured Video Of The Day
One Nation One Election से कितना बदल जाएगा भारत का चुनाव? विधानसभाओं के बचे Term का क्या होगा?