200 पुलिस वालों की सुरक्षा में घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर पहुंचा दलित युवक

अरुणा के पिता नारायण खोरवाल ने मानव विकास एवं अधिकार केंद्र संस्थान के सचिव रमेश चंद बंसल सहित स्थानीय लोगों से भी संपर्क किया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
दलित युवक की शादी में गांववालों ने भी सहयोग किया.

राजस्थान के अजमेर जिले में एक दलित दूल्हे की 'बारात' भारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई. दुल्हन के परिवार ने घोड़े पर चढ़ी बारात का ऊंची जातियों की तरफ से विरोध होने की आशंका के चलते प्रशासन से संपर्क किया था. लगभग 200 पुलिस कर्मियों की मौजूदगी ने सुनिश्चित किया कि पारंपरिक 'बिंदोली' समारोह कोई घटना-रहित हो. मंगलवार को दूल्हा विजय रेगर अरुणा से शादी करने के लिए घोड़ी पर सवार होकर खोरवाल के लावेरा गांव पहुंचा.

अरुणा खोरवाल के परिवार ने गांव में उच्च जाति के स्थानीय लोगों द्वारा संभावित विरोध की आशंका से प्रशासन से संपर्क किया था. प्रशासन ने समारोह के लिए लगभग 200 कर्मियों को तैनात किया.

अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने कहा, "एक परिवार ने पुलिस के समक्ष चिंता जताई थी कि वे बारात निकालना चाहते हैं और शायद कुछ परेशानी हो सकती है. तैयारी के तहत गांव में एक बैठक की गई. ग्रामीणों ने भी सहयोग किया और कहा कि कोई समस्या नहीं होगी. बारात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई.''

अरुणा के पिता नारायण खोरवाल ने मानव विकास एवं अधिकार केंद्र संस्थान के सचिव रमेश चंद बंसल सहित स्थानीय लोगों से भी संपर्क किया था.

बंसल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को लिखा और मदद के लिए स्थानीय पुलिस से भी संपर्क किया, जिसके बाद कई पुलिस स्टेशनों के अधिकारियों सहित पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया.

दुल्हन के पिता नारायण ने कहा, "अगर हम डरे रहेंगे तो काम कैसे चलेगा. हम एक शिक्षित परिवार हैं. अतीत में, शादी के जुलूसों के दौरान अप्रिय घटनाएं हुई हैं, इसलिए हमने पुलिस और कार्यकर्ताओं से संपर्क किया था."

हालांकि, परिवार ने डीजे और पटाखे नहीं चलाए.

Featured Video Of The Day
Parliament Monsoon Session: INDIA Alliance की बैठक में मोदी सरकार को संसद में घेरने का बना प्लान