बेंगलुरु में निर्माणाधीन मेट्रो का पिलर कैसे गिरा? किसकी लापरवाही? पढ़ें NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट

NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे मामले में बीएमआरसी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पिलर खड़ा करने के बाद इसकी मजबूती और बाकी चीजों की जांच की गई थी. इसके बाद भी ये पिलर कैसे गिरा, ये बड़ा सवाल है.

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बेंगलुरु:

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के नागवारा में मेट्रो का निर्माणाधीन पिलर गिरने से मां-बेटे की मौत हो गई. पुलिस ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि सुबह करीब 10 बजकर 45 पर मेट्रो का निर्माणाधीन पिलर गिर गया. इसकी चपेट में एक बाइक आ गई. बाइक पर रोहित उनकी पत्‍नी तेजस्विनी और उनके जुड़वा बच्‍चे थे. हादसे में तेजस्विनी और उनके बेटे विहान की मौत हो गई. वहीं, रोहित और उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हादसे में बेंगलुरु मेट्रो की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बताया जा रहा है कि मेट्रो पिलर के निर्माण में एसओपी का पालन नहीं किया जा रहा था. निर्माण का काम चलता रहा और रास्ते पर लोगों, गाड़ियों का आना-जाना जारी रहा.

इस घटना के एक चश्मदीद ने मीडिया के सामने बड़ा बयान दिया है. चश्मदीद ने कहा कि पिलर के बारे में आसपास के लोगों ने अथॉरिटी को एक हफ्ते पहले सूचना दी थी. आज बड़ा हादसा हो गया. बाइक पर सवार एक फैमिली पिलर के नीचे आ गई. सीधे तौर पर दो मौतों के जिम्मेदार कंस्ट्रक्शन के लोग और कॉन्ट्रैक्टर हैं. साथ ही जिस अथॉरिटी ने इसका कॉन्ट्रैक्ट दिया था. उसकी भी जिम्मेदारी है.

NDTV की टीम घटनास्थल पर पहुंची और हालात का जायजा लिया. रिपोर्ट के मुताबिक, पिलर की ऊंचाई 40 फीट से ज्यादा और वजन कई टन बताया जा रहा है. हादसे के बाद निर्माणाधीन मेट्रो के पिलर को काट कर दो हिस्से किए गए हैं. एक हिस्से को क्रेन के जरिए साइट पर खड़ा रखा गया है. जबकि दूसरा हिस्सा हादसे की जगह पर ही पड़ा है. पिलर का दूसरा हिस्सा काफी बड़ा था, वो सड़क के दूसरी ओर गिरा था. NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे मामले में बीएमआरसी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. पिलर खड़ा करने के बाद इसकी मजबूती और बाकी चीजों की जांच की गई थी. इसके बाद भी ये पिलर कैसे गिरा, ये बड़ा सवाल है.

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क्या कहती है पुलिस?
बेंगलुरु ईस्ट के डीसीपी डॉ. भीमाशंकर एस गुलेड ने बताया कि दंपति अपने बेटे और बेटी के साथ बेंगलुरु हेब्बल की ओर जा रहे थे, तभी मेट्रो का पिलर उन पर जा गिरा. मां और बेटे पीछे थे इस कराण से उन्हें ज्यादा चोट आई थी. मृतकों की पहचान तेजस्विनी और उनके ढाई साल के बेटे विहान के रूप में हुई है.

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इंटर्नल ऑडिट होगी
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हादसे की गहन जांच का आश्वासन दिया है. उन्होंने धारवाड़ में कहा, "मुझे अभी इस हादसे के बारे में पता चला है, हम इसकी जांच कराएंगे। हम स्तंभ के गिरने के कारण का पता लगाएंगे और मुआवजा प्रदान करेंगे।" बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने परिवार के लिए 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. अंजुम परवेज, प्रबंध निदेशक, बीएमआरसीएल ने कहा कि वे एक आंतरिक ऑडिट भी शुरू करेंगे.

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